तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में एक टनल का हिस्सा धंसने के बाद छह मजदूर जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. मलबे में 8 मजदूर फंसे हुए हैं. इनकी संख्या ज्यादा भी हो सकती है. बताया जा रहा है. यह आठ तक हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसा तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक नहर (SLBC) के निर्माणाधीन हिस्से मे शनिवार को हुआ. नहर की छत का एक हिस्सा ढह गया है. ऐसा बताया जा रहा है कि निर्माण कंपनी की टीम इस हादसे के आंकलन में जुटी हुई है. वह यहां फंसे लोगों का सही आंकड़े को जानने का प्रयास कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एसएलबीसी सुरंग के ढह गए हिस्से से कर्मियों के बचाव को लेकर चर्चा की. शनिवार को तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी को उन्होंने फोन लगाया. प्रधानमंत्री ने बचाव प्रयासों में सभी को सहायता का आश्वासन दिया है.
घटना में कई लोगों के घायल होने की खबर है
सीएम कार्यालय की ओर से इस मामले में बयान जारी किया गया है. एक बयान में कहा गया कि घटना में कई लोगों के घायल भी हुए हैं. सीएम रेवंत रेड्डी ने जिला कलेक्टर पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारियों को राहत पहुंचाने के लिए घटनस्थल पर पहुंचने का आदेश दिया है. सीएम के निर्देश पर राज्य के सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी, सिंचाई मामलों के सरकारी सलाहकार आदित्यनाथ दास और अन्य सिंचाई अधिकारी विशेष हेलिकॉप्टर से घटनास्थल के लिए रवाना हुए हैं.
अधिकारियों को दिए ये निर्देश
दुर्घटना पर चिंता जताते हुए केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने दुर्घटना के कारणों की जानकारी ली और अधिकारियों से फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए कहा. उनके कार्यालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने अधिकारियों से घायलों को उपचार मुहैया कराने को भी कहा है. इससे पहले उत्तराखंड में भी एक बड़ा टनल हादसा हुआ था.
41 श्रमिक को सकुशल निकाला था
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग बीते साल 12 नवंबर को धंस गई थी. सिलक्यारा टनल में भूस्खलन होने से 41 श्रमिक फंस गए थे. श्रमिक इस टनल में 17 दिन तक कैद रहे. श्रमिकों को बचाने के लिए बड़ा बचाव अभियान चलाया गया. बाद में सभी को सकुशल निकाल लिया गया था.