'बुलडोजर जस्टिस' पर SC ने उठाए सवाल, कहा- आरोपी होने के आधार पर किसी के घर को गिराना उचित नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए हैं. अदालत ने कहा कि सिर्फ आरोप होने के आधार पर किसी का घर नहीं गिराया जा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए हैं. अदालत ने कहा कि सिर्फ आरोप होने के आधार पर किसी का घर नहीं गिराया जा सकता है.

author-image
Mohit Saxena
New Update
supreme court2

Supreme court verdict on bulldozer action

सुप्रीम कोर्ट में बुलडोजर मामले को लेकर सुनवाई आज यानि सोमवार को आरंभ हुई. जस्टिस गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी की कि जो कार्रवाई हुई है, वह म्युनिसिपल कानून के अनुसार ही की गई है. उन्होंने कहा कि अवैध कब्जे के केस में म्युनिसिपल संस्थाओं की ओर से नोटिस देने के बाद ही कार्रवाई हुई है. जस्टिस विश्वनाथन ने सरकार से जवाब मांगा. अदालत ने नोटिस, कार्रवाई और अन्य आरोपों पर सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया. 

Advertisment

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर की कार्रवाई उठाए गंभीर सवाल 

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी का घर गिराना सही नहीं है. अदालत ने शासन और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर कोई शख्स दोषी है भी तो भी उसके घर को गिराया नहीं जाएगा. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस बात को माना और कहा कि अपराध में दोषी साबित होने पर भी घर नहीं गिराया जा सकता. उन्होंने कहा कि जिनके खिलाफ कार्रवाई हुई है, वे अवैध कब्जे या निर्माण के कारण  निशाने पर हैं, न कि अपराध के आरोप को लेकर. जमीयत उलेमा ए द ने दाखिल याचिका में सरकारों की ओर से आरोपियों के घरों पर मनमाने ढंग से बुलडोजर चलाने पर रोक लगाने की मांग की है. 

इस याचिका में यूपी, मध्यप्रदेश और राजस्थान में हाल में हुई बुलडोजर कार्रवाइयों की जानकारी दी गई है. इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने का आरोप है. इसमें 'बुलडोजर जस्टिस' की प्रवृत्ति पर रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से शीघ्र सुनवाई की अपील की गई. 

गरीब और खासकर अल्पसंख्यकों निशाना बना रही

वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने इस याचिका पर जल्द सुनवाई की डिमांड की थी. इस याचिका में जहांगीरपुरी मामले में वकील फरूख रशीद की ओर ये याचिका को दाखिल किया गया था. इस याचिका में कहा गया कि राज्य सरकारें गरीब और खासकर अल्पसंख्यकों निशाना बना रही हैं. उनके घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है. इससे पीड़ितो को कानूनी उपाय का मौका नहीं मिल पाता है. 

कोर्ट ने मांगे सुझाव 

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, वह किसी भी अवैध संरचना को सुरक्षा नहीं प्रदान कर सकता है. अदालत ने संबंधित पक्षों से सुझाव भी मांगे हैं. इस तरह से पूरे देश में संपत्तियों के ध्वस्तीकरण के संबंध में दिशा-निर्देश जारी हो सकें. 

newsnation Supreme Court Supreme Court Verdict Bulldozer action Newsnationlatestnews
      
Advertisment