SC: ‘मस्जिद में जय श्री राम का नारा लगाना अपराध कैसे हो गया’, सर्वोच्च अदालत ने कर्नाटक सरकार से पूछा सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने आज कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका की सुनवाई की. इस दौरान सर्वोच्च अदालत ने कर्नाटक सरकार से पूछा है कि मस्जिद में 'जय श्रीराम' का नारा अपराध कैसे हो सकता है?

सुप्रीम कोर्ट ने आज कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका की सुनवाई की. इस दौरान सर्वोच्च अदालत ने कर्नाटक सरकार से पूछा है कि मस्जिद में 'जय श्रीराम' का नारा अपराध कैसे हो सकता है?

author-image
Jalaj Kumar Mishra
New Update
Supreme court of india

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार से पूछा है कि मस्जिद में जय श्री राम का नारा लगाना अपराध कैसे हो सकता है. दरअसल, मामला कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले का है. यहां दो लोग कीर्तन कुमार और सचिन कुमार एक मस्जिद में घुस गए थे. उन्होंने मंदिर में जय श्री राम का नारा लगाया था. मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो हाईकोर्ट ने मामले को रद्द कर दिया. इसके बाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. 

Advertisment

जानें सुनवाई के दौरान, याचिकाकार्ता के वकील ने क्या दलील दी

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को मामले की सुनवाई हुई. मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पंकज मिथल और संदीप मेहता की बेंच ने पूछा कि मस्जिद में जय श्री राम का नारा लगाना अपराध कैसे हो सकता है. इस सवाल पर याचिकाकर्ता के वकील देवदत्त कामत ने दलील दी कि अगर किसी समुदाय के धार्मिक स्थल पर दूसरे समुदार के लोग अपने धार्मिक नारे लगाते हैं तो इससे सांप्रादायिक विवाद हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने इसके बाद हैदर अली नाम के व्यक्ति की याचिका पर कर्नाटक सरकार से जवाब तलब किया है. 

अब आप यह खबर भी पढ़ें- Bangladesh Election Date: बांग्लादेश से आई बड़ी खबर, मुहम्मद यूनुस ने बताया देश में फिर से कब होंगे चुनाव; आप भी अभी जानें

हाईकोर्ट ने कहा था- किसी की भी धार्मिक आहत नहीं हुई

बता दें, हाईकोर्ट ने मामले में मस्जिद के अंदर नारा लगाने वाले उपद्रवियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया. हाईकोर्ट ने इसके पीछे तर्क दिया था कि ऐसा करने से किसी की भी धार्मिक भावनाएं आहत नहीं हुई है. 

अब आप यह खबर भी पढ़ें- Syria Coup: विद्रोहियों की नई सरकार के सत्ता में आने से अल्पसंख्यकों में डर, बोले- पहले सुरक्षित महसूस करते थे

हाईकोर्ट ने फैसले में क्या कहा

हाईकोर्ट की जस्टिस नागप्रसन्ना की बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि यह समझ से परे है कि अगर कोई व्यक्ति जय श्रीराम कहता है तो किसी भी समुदाय की इससे धार्मिक भावनाएं कैसे आहत हो सकती हैं. वह भी तब, जब शिकायतकर्ता ने खुद कहा कि उनके इलाके में हिंदू-मुस्लिम के बीच सामाजिक सौहार्द है, तो ऐसी किसी घटना को किसी भी प्रकार से अपराध माना ही नहीं जा सकता है. और दो लोगों द्वारा नारा लगाए जाने को दूसरे धर्म का अपमान नहीं कहा जा सकता. 

अब आप यह खबर भी पढ़ें-  New Hindu Temple: सात समंदर पार इस देश में बन रहा है राम मंदिर की तर्ज पर भव्य हिंदू टेंपल, जानकार गर्व करेंगे आप

 

 

High Court Karnataka Supreme Court
      
Advertisment