Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राजनीतिक दलों की ओर से मुफ्त वाली योजनाओं की घोषणा पर नाराजगी जताई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे करने से ही लोग काम नहीं करना चाहते. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि, मुफ्त योजनाओं के चलते लोगों को मुफ्त में राशन और पैसा मिल रहा है. एससी ने ये बात एक मामले की सुनवाई के दौरान कही. बता दें कि जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ एक याचिका पर बुधवार को सुनवाई कर रही थी. इस याचिका में बेघर लोगों को शहरी इलाकों में आश्रय स्थल मुहैया कराने की मांग की गई थी.
मुफ्त वाली योजना पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट?
याचिका पर चुनाव के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बुधवार को कहा कि, दुर्भाग्य से मुफ्त वाली योजनाओं की वजह से लोग काम नहीं करना चाहते. शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है और उन्हें बिना कोई काम किए पैसे मिल रहे हैं. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि, आपकी बेघर लोगों की चिंता किए जाने की हम तारीफ करते हैं, हालांकि एससी ने ये भी कहा कि, क्या ये अच्छा नहीं होगा कि इन लोगों को समाज की मुख्य धारा में शामिल किया जाए और देश के विकास में इन्हें भी योगदान देने का मौका मिले?
अटॉर्नी जनरल ने रखा केंद्र का पक्ष
वहीं केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमाणी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार शहरी इलाकों में गरीबी को मिटाने के लिए प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रही है. जिसमें शहरी इलाकों में बेघर लोगों को आश्रय देने का भी प्रावधान है. इस पर पीठ ने उन्हें केंद्र सरकार से पूछकर यह स्पष्ट करने को कहा कि कितने दिन में इस योजना को लागू किया जाएगा. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई छह हफ्ते के लिए टाल दिया.
EC की नियुक्ति वाले मामले में सुनवाई की तारीख तय
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के संबंध में लाए गए कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की तारीख भी तय कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वे इस मामले पर 19 फरवरी को सुनवाई करेंगे. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता एनजीओ की तरफ से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण को यह जानकारी दी. वहीं याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि याचिका पर जल्द सुनवाई होनी चाहिए, क्योंकि जल्द ही नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति होनी है.