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दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. प्रदूषण देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी को अहम निर्देश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगले साल एक अक्टूबर से लेकर 31 जनवरी तक एमसीडी टोल न रखा जाए क्योंकि टोल के दौरान लगने वाले ट्रैफिक की वजह प्रदूषण होता है.
एमसीडी से कोर्ट ने कहा कि टोल बूथ शिफ्ट किया जाए. एक सप्ताह में इस पर विचार करना चाहिए. कोर्ट ने एनएचएआई से भी कहा कि विकल्प के रूप में टोल वसूल करके एमसीडी को हिस्सा देने पर विचार करें. कोर्ट ने एमसीडी को फटकार लगाते हुए कहा कि कल तो आप पैसों के लिए कनॉट पैलेस से भी पैसे वसूलना शुरू कर देंगे.
Supreme Court has orally observed that the measures taken by authorities so far have been a “total failure” in effectively curbing the rising levels of air pollution in the Delhi–NCR region.
— ANI (@ANI) December 17, 2025
A Bench led by Chief Justice of India Surya Kant remarked that any meaningful reduction…
कोर्ट ने इस दौरान एमसीडी को फटकार लगाई और कहा कि कल को पैसों के लिए आप कनॉट प्लेस में भी पैसा वसूलना शुरू कर देंगे. सर्वोच्च अदालत को सुनावई के दौरान बताया गया कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की वजहों में दिल्ली-गुरुग्राम का एमसीडी टोल प्लाजा भी शामिल हैं क्योंकि यहां लंबा-लंबा जाम लगता है. कारें घंटो सड़कों पर खड़ी रहती हैं. बाइकें और अन्य वाहन प्रदूषण पैदा करते हैं. मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने सुनवाई के दौरान कहा कि अधिकारी एमसीडी से क्यों नहीं कहते कि जनवरी तक कोई टोल न लगाएं.
गुरुग्राम में भी एमसीडी टोल से प्रदूषण
सुनवाई के दौरान, कोर्ट को बताया कि एमसीडी टोल की वजह से गुरुग्राम में भी प्रदूषण हो रहा है. इस पर सीजेआई ने कहा कि ये आरोप नहीं है. ये सच्चाई है. हर दिन लोग प्रदूषण से जूझ रहे हैं. इस टोल के कारण लोग शादी-समारोह में भी शामिल नहीं हो रहे हैं. इससे लोग बहुत डरते हैं
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