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dummy school (social media)
Dummy School: 'डमी स्कूलों' में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए बुरी खबर है. अब इन स्कूलों के छात्रों को बोर्ड में बैठने पर रोक लगाई गई है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 'डमी स्कूलों' के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. दिल्ली और राजस्थान के 21 स्कूलों की एफलिएशन (Affiliation) को खत्म किया गया है. इसके साथ छह स्कूलों केा डाउनग्रेड किया गया है. बोर्ड ने यह कदम उन स्कूलों के खिलाफ उठाया है जो स्टूडेंट्स को नियमित कक्षाओं को न करने छूट देते हैं. इन्हें सिर्फ बोर्ड परीक्षाओं में बैठने की अनुमति मिलती है. इस तरह से शिक्षा की गुणवत्ता पर असर देखने को मिल रहा है.
क्या होते हैं डमी स्कूल
डमी स्कूल ऐसे संस्थान हैं जहां छात्र नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित नहीं होते हैं. यह छात्र केवल बोर्ड परीक्षाओं में हिस्सा लेते हैं. इस तरह के छात्र इंजीनियरिंग या मेडिकल जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को लेकर कोचिंग में रेगुलर स्टडी करते हैं. यह स्कूल में न्यूनतम उपस्थिति भी नहीं बनाते. इस प्रथा ने शिक्षा प्रणाली की मूल भावना के खिलाफ और छात्रों के समग्र विकास में रुकावट डालती है.
सीबीएसई की कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सीबीएसई ने दिसंबर 2024 में दिल्ली, बेंगलुरु, वाराणसी, बिहार, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 29 स्कूलों में औचक निरीक्षण किया. इन निरीक्षणों में सामने आया कि कई स्कूलों में छात्र नियमित कक्षाओं में मौजूद नहीं थे. ये डमी प्रवेश को दर्शाता है. इसके आधार पर बोर्ड ने 18 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस दिया ह. 21 स्कूलों की एफलिएशन (Affiliation) को रद्द कर दिया गया है.
उपस्थिति बेहद जरूरी
सीबीएसई के नियमों के तहत बोर्ड परीक्षाओं में बैठने को लेकर छात्रों का नियमित रूप से कक्षाओं में हाजिर होना और न्यूनतम उपस्थिति की शर्त को पूरा करना जरूरी है. शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से बताया कि डमी प्रवेश की प्रथा को रोकने को लेकर स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहने वाली है. स्कूलों को निर्देश दिया गया कि वे अपनी उपस्थिति के जुड़े नियमों का सख्ती से पालन करें. छात्रों को नियमित कक्षाओं में जाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाए.