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Indigo Flight: सोचिए जरा आप जमीन से कई फीट ऊंचाई पर हों अचानक आपका विमान गड़बड़ाने लगे. मान लीजिए वो वक्त मौत के मंजर के समान ही होता है. ऐसा ही कहना है तृणमूल कांग्रेस की दिग्गज नेता सागरिका घोष का. दरअसल बुधवार को इंडिगो की फ्लाइट 6E 2142 में सवार यात्रियों ने एक ऐसा खौफनाक अनुभव झेला, जिसे वे शायद जिंदगी भर नहीं भूल पाएंगे। यह विमान, जो दिल्ली से श्रीनगर जा रहा था, बुरी तरह के टर्बुलेंस में फंस गया और मौसम की गंभीर स्थिति के कारण इसे श्रीनगर एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। फ्लाइट में कुल 200 यात्री सवार थे, जिनमें तृणमूल कांग्रेस (TMC) का एक पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी शामिल था।
मानो जैसे सामने आ गई हो मौत
इस भयावह अनुभव को साझा करते हुए TMC की वरिष्ठ नेता सागरिका घोष ने कहा, “यह मौत के करीब जैसा अहसास था। मुझे लगा कि मेरी जिंदगी अब खत्म होने वाली है। मानो जैसे सामने आ गई हो मौत” फ्लाइट के भीतर का माहौल बेहद तनावपूर्ण था- यात्री चीख रहे थे, दुआएं कर रहे थे, और कुछ लोग तो कांपने लगे थे। जब विमान बुरी तरह हिला और आवाजें आने लगीं, तो सबको लगा कि अब कुछ भी हो सकता है।
Indigo flight 6E-2142 पर आसमान ने बरसाया कहर — ओलों की मार से विमान का नोज़ कोन चकनाचूर!
— Jeetendra Rana (@rana_9064) May 21, 2025
लेकिन पायलट ने डर को मात दी, मौत को पछाड़ा, और फ्लाइट को ज़मीन पर सलामत उतारा।
ये हिम्मत की उड़ान थी — तूफ़ान हार गया, हम जीत गए! pic.twitter.com/QdmpWpMNMF
पायलट की सूझबूझ ने बचाई 200 जानें
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पायलट की सूझबूझ और बहादुरी की सराहना की जा रही है। घोष ने बताया कि फ्लाइट लैंड होने के बाद जब यात्रियों ने विमान का निरीक्षण किया, तो पाया कि इसका अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो चुका था और कुछ हिस्से उड़ भी गए थे। इसके बावजूद पायलट ने विमान को सुरक्षित लैंड कराकर सभी की जान बचा ली। सागरिका घोष ने पायलट को “सलाम” करते हुए कहा, “हमारे लिए वो किसी फरिश्ते से कम नहीं थे।”
TMC प्रतिनिधिमंडल का जम्मू-कश्मीर दौरा
यह प्रतिनिधिमंडल 23 मई तक जम्मू-कश्मीर में रहेगा और श्रीनगर, पुंछ तथा राजौरी जैसे संवेदनशील इलाकों का दौरा करेगा। उनका उद्देश्य हाल ही में सीमा पार से हुए हमलों से प्रभावित नागरिकों के साथ एकजुटता जताना और उनके दुख में सहभागी बनना है।
सागरिका घोष का संदेश - सीमावर्ती गांवों को न किया जाए नजरअंदाज
सागरिका घोष ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से किए गए हमलों ने सीमावर्ती गांवों को सबसे अधिक प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि इन इलाकों को न केवल सुरक्षा की आवश्यकता है, बल्कि ध्यान, राहत और पुनर्वास की भी सख्त जरूरत है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इन क्षेत्रों को “अनदेखा” न किया जाए और उन्हें उनका हक दिया जाए।
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