मां और बेटे के रिश्ते को लेकर अकसर मार्मिक किस्से सामने आते रहे हैं. इस बीच मुंबई हाईकोर्ट में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को भावुक कर दिया है. मां ने अपने जवान बेटे को खो दिया है. इसके बाद नस्ल बढ़ाने की उम्मीद के साथ वह उसके स्पर्म को सहेजना चाहती है. बेटे की मौत के बाद मां ने अदालत से गुहार लगाई कि उसके बेटे के वीर्य को नष्ट नहीं किया जाए. कोर्ट से मां ने इसे सुरक्षित रखने की अपील की है. इस तरह से वंश को आगे बढ़ाया जा सके.
कैंसर से जूझ रहा था बेटा
इस मामले में बेटा कैंसर से जूझ रहा था. इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे सलाह दी थी कि कीमोथेरेपी से वह नपुंसक हो सकता है. उसके बच्चा पैदा करने की क्षमता पर असर हो सकता है. ऐसे में वह अपने वीर्य फ्रीज करा ले. बेटे इस सलाह को माना और मुंबई के नोवा आईवीएफ सेंटर में वीर्य सुरक्षित रखवा दिया.
‘नष्ट करने’ वाला विकल्प चुना
इलाज के वक्त बेटे ने एक फॉर्म को भरा था. इसमें विकल्प थे- मौत के बाद स्पर्म पत्नी को सौंपा जाना या उसे नष्ट कर देना चाहिए. बेटा अविवाहित था, ऐसे में उसने स्पर्म को ‘नष्ट करने’ वाला विकल्प चुन लिया. बेटे की अचानक मौत के बाद मां ने वीर्य को सुरक्षित रखने की डिमांड की. मगर IVF सेंटर ने फॉर्म में भरी शर्तों का हवाला दिया और मांग से इनकार कर दिया.
मां ने सरकार के साथ अदालत से भी मांग की
बेटे की मौत के कुछ दिन बाद ही मां ने IVF सेंटर को ईमेल भेजकर स्पर्म को नष्ट न करने और उसे गुजरात के IVF सेंटर में ट्रांसफर करने की इजाजत मांगी. इस पर उसे इनकार मिला. उन्होंने महाराष्ट्र के स्वास्थ्य सचिव और फिर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भी अपील की. मगर उसे हर जगह से निराशा हाथ लगी.
हाईकोर्ट से मिली उम्मीद
आखिरकार मां बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच गई. यहां पर न्यायमूर्ति मनीष पिटले ने मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि जब तक याचिका पर अंतिम फैसला नहीं होता है, तब तक वीर्य को नष्ट करना ठीक नहीं रहेगा. इससे याचिका का उद्देश्य की खत्म होने वाला है. अब कोर्ट ने IVF सेंटर को बेटे के वीर्य को 31 जुलाई तक सुरक्षित रखने का आदेश दिया है.