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Sonia Gandhi On G RAM G Bill: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मनरेगा का नाम बदलने और नया कानून बनाए जाने पर अपनी नाराजगी जताई है. उन्होंने एक वीडियो स्टेटमेंट में कहा है कि इस नए कानून के खिलाफ हमारी लड़ाई जा री रहेगी. सोनिया गांधी ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार मनरेगा की जगह वीली- जी राम जी कानून लेकर आई है जो किसानों और देश के की जनता के साथ गलत किया है. उन्होंने कहा कि सरकार मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया है और इस बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ हम लड़ते रहेंगे.
भाई और बहनों.. नमस्कार
— Congress (@INCIndia) December 20, 2025
मुझे आज भी याद है, 20 साल पहले डॉ. मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री थे, तब संसद में मनरेगा कानून आम राय से पास किया गया था। यह ऐसा क्रांतिकारी कदम था, जिसका फायदा करोड़ों ग्रामीण परिवारों को मिला था। खासतौर पर वंचित, शोषित, गरीब और अतिगरीब लोगों के लिए… pic.twitter.com/mjH4CfYRVe
मनरेगा को बताया क्रांतिकारी कदम
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मनरेगा को एक क्रांतिकारी कदम भी बताया. उन्होंने कहा 'मुझे याद 20 वर्ष पहले डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, उस वक्त संसद में मनरेगा कानून आम राय के साथ पास किया गया था. यह एक ऐसा क्रांतिकारी फैसला था जिसका फायदा देश के करोड़ों ग्रामीण परिवारों को मिला. खास तौर पर शोषित, वंचित और गरीब तबके के लोगों के लिए दो वक्त की रोटी के साथ सम्मानजनक काम की व्यवस्था की गई थी.'
यही नहीं रोजगार के लिए लोगों को अपनी माटी से जोड़ा गया, उन्हें इसके लिए कहीं बाहर जाने या फिर पलायन के लिए मजबूर नहीं होना पड़ा. निचले तबके के लोगों को रोजगार का कानूनी अधिकार मुहैया करवाया गया. यही नहीं ग्राम पंचायतों को भी इस कदम के जरिए ताकत दी गई.
महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज का सपना था मनरेगा
सोनिया गांधी ने कहा कि मनरेगा सिर्फ योजना नहीं थी बल्कि महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपनों का भारत बनने की ओर भी एक अहम कदम था. लेकिन इस कदम पर मौजूदा सरकार ने बुलडोजर ही चला दिया. सोनिया ने कहा कोविड जैसी महामारी के दौरान भी यही योजना गरीबों के लिए वरदान साबित हुई. इस अहम योजना से महात्मा गांधी का नाम हटा देना भी गलत है. इस योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाने के साथ ही सरकार ने इसका स्वरूप भी बदल दिया वो भी बिना किसी सलाह या विचार-विमर्श के.
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