सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट पहुंची पत्नी, लेह हिंसा के 8 दिन बाद खुले स्कूल, इंटरनेट अब भी बंद

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के विरोध में उनकी पत्नी ने अब देश की शीर्ष अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वहीं लेह में प्रदर्शन के आठ दिन बाद स्कूल और बाजार खोल दिए गए हैं.

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के विरोध में उनकी पत्नी ने अब देश की शीर्ष अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वहीं लेह में प्रदर्शन के आठ दिन बाद स्कूल और बाजार खोल दिए गए हैं.

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Dheeraj Sharma
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Sonam Wangchuk wife appeal in surpeme Court

Sonam Wangchuk: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान शिक्षा सुधारक और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया. उनकी गिरफ्तारी के विरोध में उनकी पत्नी ने अब देश की शीर्ष अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी पत्नी गीतांजलि आंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.  उन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत गुरुवार को एक रिट याचिका दाखिल करते हुए गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताया है. वहीं लेह में प्रदर्शन के आठ दिन बाद स्कूलों को खोल दिया गया है. हालांकि इंटरनेट अब भी बंद है. 

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NSA के तहत हुई थी गिरफ्तारी

सोनम वांगचुक को 26 सितंबर 2025 को लद्दाख में राज्य की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन के सिलसिले में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में लिया गया था. उन्हें कथित रूप से सार्वजनिक व्यवस्था को भंग करने की आशंका में हिरासत में लिया गया, हालांकि उनके समर्थकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि वांगचुक ने अहिंसक और शांतिपूर्ण आंदोलन का नेतृत्व किया था.

न्याय की मांग

गीतांजलि आंगमो का कहना है कि यह गिरफ्तारी लोकतांत्रिक अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई और न्याय की अपील की है, ताकि वांगचुक को शीघ्र रिहा किया जा सके और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा हो सके. 

स्कूल और बाजार खुले

लेह में प्रदर्शन के बाद लगे कर्फ्यू में तो ढील पहले ही दे दी गई थी. अब आठ दिन बाद बाजार और स्कूलों को भी खोल दिया गया है. बाजार जहां सुबह 10 से शाम 6 बजे तक खुल रहे हैं. वहीं स्कूलों को समय के साथ खोलने और बंद करने का निर्देश है. हालांकि संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था अब भी कड़ी रखी गई है. खास बात यह है कि विरोध प्रदर्शन की आशंका के चलते इस बार दशहरे का त्योहार भी नहीं सेलिब्रेट किया गया है. बता दें कि लद्दाख बार एसोसिएशन की ओर से 6 अक्टूबर तक काम नहीं करने का निर्णय पहले ही लिया जा चुका है. वहीं इंटरनेट भी अब तक बंद है. हालांकि इसे शुरू किए जाने को लेकर शुक्रवार 3 अक्टूबर को फैसला लिया जा सकता है. 

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