'भुने चने खाकर करोड़ों लोगों की जिंदगी खतरे में' शिवसेना सांसद ने जेपी नड्डा से की शिकायत

Chana Cancer Risk: ऑरामाइन डाई आमतौर पर कपड़े और चमड़ा रंगने के लिए इस्तेमाल की जाती है, लेकिन कुछ व्यापारी इसे खाने की चीजों में मिलाकर उन्हें अधिक आकर्षक दिखाने की कोशिश कर रहे हैं.

Chana Cancer Risk: ऑरामाइन डाई आमतौर पर कपड़े और चमड़ा रंगने के लिए इस्तेमाल की जाती है, लेकिन कुछ व्यापारी इसे खाने की चीजों में मिलाकर उन्हें अधिक आकर्षक दिखाने की कोशिश कर रहे हैं.

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Yashodhan.Sharma
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Priyanka Chaturvedi on bhuna chana

Priyanka Chaturvedi on bhuna chana Photograph: (File Photo)

Chana Cancer Risk: शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने खाद्य सामग्री में खतरनाक रंगों की मिलावट को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को एक पत्र लिखा. उन्होंने आरोप लगाया कि भुने चने समेत कई खाद्य पदार्थों में गैर-कानूनी तरीके से ‘ऑरामाइन’ नाम का जहरीला रंग मिलाया जा रहा है, जो कैंसर का कारण बन सकता है.

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प्रियंका चतुर्वेदी के अनुसार, ऑरामाइन डाई आमतौर पर कपड़े और चमड़ा रंगने के लिए इस्तेमाल की जाती है, लेकिन कुछ व्यापारी इसे खाने की चीजों में मिलाकर उन्हें अधिक आकर्षक दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. यह न सिर्फ फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट का उल्लंघन है, बल्कि करोड़ों लोगों की सेहत को गंभीर खतरे में डालने जैसा अपराध है. उन्होंने कहा कि ऐसी मिलावट को रोकने में FSSAI की निगरानी कमजोर साबित हो रही है.

मिलावट पर रोक में क्यों पिछड़ रही व्यवस्था?

सांसद चतुर्वेदी ने इस खतरनाक डाई की मिलावट रोकने में जारी ढिलाई के लिए चार प्रमुख कारण बताए—

1. बाजार जांच बेहद कमजोर है.


2. नियमित और सख्त टेस्टिंग नहीं हो रही.


3. लोगों को मिलावट के बारे में चेतावनी देर से दी जाती है.


4. कानून लागू करने वाली एजेंसियों का रवैया ढीला है.

उन्होंने कहा कि इतने गंभीर खतरे के बावजूद बाजार में मिलावट का सिलसिला जारी है, जो खाद्य सुरक्षा तंत्र में बड़ी खामी का संकेत है.

Priyanka chaturvedi complaint
Priyanka chaturvedi complaint

राष्ट्रीय स्वास्थ्य अलर्ट जारी करने की मांग

प्रियंका चतुर्वेदी ने सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि ऑरामाइन की मिलावट पर नेशनल हेल्थ अलर्ट जारी किया जाए, ताकि लोग सावधान हो सकें और जांच एजेंसियां सक्रिय हो सकें. इसके साथ ही देशभर में भुने चने और ऐसे अन्य खाद्य पदार्थों की व्यापक जांच अभियान चलाया जाए. उन्होंने दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया.

सांसद ने यह भी सुझाव दिया कि FSSAI की मौजूदा कार्यप्रणाली का आंतरिक ऑडिट किया जाए, ताकि यह पता चल सके कि निगरानी में कहां कमी रह गई है. उनके मुताबिक, अगर समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह मिलावट लोगों की सेहत के लिए बड़ा खतरा बन सकती है.

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