Bangladesh Violence: शेख हसीना ने हिंसा को लेकर यूनुस को ठहराया जिम्मेदार, बोलीं- हमारे पड़ोसियों के साथ संबंध प्रभावित हो रहे

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने एक इंटरव्यू में मोहम्मद यूनुस सरकार पर जमकर हमाला बोला, बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी ताकतों पर चिंता जताई

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने एक इंटरव्यू में मोहम्मद यूनुस सरकार पर जमकर हमाला बोला, बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी ताकतों पर चिंता जताई

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Mohit Saxena
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शेख हसीना

बीते कई हफ्तों से बांग्लादेश में हिंसा का दौर जारी है. इंकलाब मंचो के संयोजक शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद से प्रदर्शनकारी अल्पसंख्यकों पर हमले कर रहे हैं. इस बीच, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हिंसा को लेकर मोहम्मद यूनुस के अगुवाई वाली अंतरिम सरकार की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि हिंसा पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को अस्थिर करती है. न्यूज एजेंसी ANI को ईमेल इंटरव्यू में शेख हसीना ने आरोप लगाया कि मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अराजकता काफी बढ़ गई है. इसके कारण उनकी सरकार गिर गई थी.

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घटनाएं बांग्लादेश को आंतरिक रूप से अस्थिर कर रही

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री ने देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का मुद्दा उठाया और कहा, 'भारत इस अराजकता को देख रहा है. यह दुखद हत्या उस अराजकता को दर्शाती है. यूनुस के नेतृत्व में हिंसा आम बात हो गई है. अंतरिम सरकार या तो इसे नकार रही है या इसे रोकने में असमर्थ है. ऐसी घटनाएं बांग्लादेश को आंतरिक रूप से अस्थिर कर रही हैं. इसके साथ ही हमारे पड़ोसियों के साथ संबंध प्रभावित हो रहे हैं. इस स्थिति को लेकर चिंतित हैं.'

आपको बता दें कि युवा कार्यकर्ता उस्मान हादी को 12 दिसंबर को ढाका के बिजोयनगर इलाके में रिक्शा में यात्रा करते समय करीब से गोली मार दी गई. सिर में गोली लगने के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए उन्हें एयरलिफ्ट करके सिंगापुर लाया गया. चिकित्सा प्रयासों के बाद भी 18 दिसंबर को उनका निधन हो गया. हादी की मृत्यु के बाद से राजधानी ढाका में विरोध प्रदर्शन और अशांति फैल गई. कार्यकर्ता ढाका के शाहबाग चौराहे पर एकत्र होकर दिवंगत नेता के लिए न्याय की मांग करने लगे. 

यूनुस ने चरमपंथियों को मंत्रिमंडल में पद दिए

अपने इंटरव्यू में शेख हसीना ने बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी ताकतों पर चिंता जताई है. उन्होंने दावा किया, 'यूनुस ने दोषी आतंकवादियों को जेल से रिहा कर दिया. उन्होंने जमात-ए-इस्लामी पर लगे प्रतिबंध को हटाने का भी संकेत दिया.' शेख हसीना  ने कहा, 'मैं इस चिंता से सहमत हूं, और लाखों बांग्लादेशी भी, जो उस सुरक्षित, धर्मनिरपेक्ष राज्य को पसंद करते हैं जो कभी हमारा था.' उन्होंने कहा, 'यूनुस ने चरमपंथियों को मंत्रिमंडल में पद दिए  हैं, दोषी ठहराए गए आतंकवादियों को जेल से रिहा किया है और अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों से जुड़े समूहों को सार्वजनिक जीवन में भूमिका निभाने की अनुमति दी है.'

जटिल राष्ट्र के शासन का कोई अनुभव नहीं 

शेख हसीना ने कहा, ' यूनुस एक राजनेता नहीं हैं और उन्हें एक जटिल राष्ट्र के शासन का कोई अनुभव नहीं है. मुझे डर है कि कट्टरपंथी उनका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने एक स्वीकार्य चेहरा पेश करने के लिए कर रहे हैं, जबकि वे व्यवस्थित रूप से हमारे संस्थानों को भीतर से कट्टरपंथी बना रहे हैं.'

Sheikh Hasina Mohammed Yunus
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