Operation Sindoor: भारत ने हाल ही में आतंकवाद के खिलाफ और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी बात मज़बूती से रखने के लिए सात अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल (डेलिगेशन) बनाए. इसके जवाब में, पाकिस्तान ने भी तुरंत ‘कॉपी पेस्ट’ करते हुए अपने डेलिगेशन की घोषणा कर डाली. लेकिन यहां मज़ेदार बात ये है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस जिम्मेदारी को बिलावल भुट्टो ज़रदारी के हवाले किया है.
अब सोचिए, जब भारत की ओर से शशि थरूर जैसे अनुभवी, पढ़े-लिखे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित नेता अमेरिका में जाकर भारत का पक्ष मजबूत तरीके से रखेंगे, तो पाकिस्तान की ओर से मीम्स किंग के नाम से मशहूर बिलावल भुट्टो उनके सामने टिक भी पाएंगे या नहीं, ये एक बड़ा सवाल बन गया है.
बिलावल और मंच
बात अगर सिर्फ प्रतिनिधिमंडल की होती, तो भी ठीक था, लेकिन बिलावल भुट्टो के पुराने बयान देखकर अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं कि वह फिर से पाकिस्तान की फज़ीहत करवाएंगे. एक रैली में जब बिलावल महंगाई की बात कर रहे थे, तब उन्होंने बड़े आत्मविश्वास से कहा, “अंडा 200 रुपये किलो, टमाटर 200 और आलू 100 रुपया दर्जन मिल रहा है.” जनता पहले कुछ समझ नहीं पाई, फिर पेट पकड़ कर हंसने लगी.
इंग्लिश का करते हैं सत्यानाश
2022 में एक भाषण के दौरान उन्होंने इमरान खान को चुनौती देते हुए कहा – “इमरान तुम चूहा नहीं हो, तुम रैट हो.” शायद बिलावल को ये नहीं पता था कि ‘रैट’ भी चूहे को ही कहते हैं.
जेंडर भी बदल लेते हैं जनाब
बिलावल की उर्दू भी किसी मज़ाक से कम नहीं. वो अक्सर “करता हूं” की जगह “करती हूं” बोल जाते हैं. एक बार तो उनके पिता आसिफ अली ज़रदारी तक कह बैठे कि “बिलावल प्रचार करने जाएगी.”
दादा को बना दिया टिकट बेचने वाला
अपने एक भाषण में उन्होंने कहा, “आरोप लगता है कि आसिफ अली ज़रदारी जगह-जगह जाकर सिनेमा टिकट बेचते थे. लेकिन मैं बता दूं कि वो नहीं, बल्कि अली ज़रदारी के वालिद थे.” यानि उन्होंने अपने दादा को टिकट बेचने वाला घोषित कर दिया.
कांपे टांप रही हैं
एक और रैली में उन्होंने कहा, “इस्लामाबाद में कांपे टांप रही हैं.” अब कोई उन्हें समझाए कि ‘टांगे’ कांपती हैं, ‘टांप’ नहीं.
थरूर के सामने टिक पाएंगे बिलावल?
अब जब शशि थरूर जैसा अनुभवी नेता अमेरिका में भारत की विदेश नीति और आतंकवाद के मुद्दों पर दुनिया को संबोधित करेगा, तो बिलावल क्या कहेंगे? पाकिस्तानी-अमेरिकन विश्लेषक मोइद पीरजादा तक मानते हैं कि थरूर के सामने बिलावल का टिक पाना नामुमकिन जैसा है. उन्होंने कहा, “शशि थरूर विदेश नीति के माहिर हैं, संयुक्त राष्ट्र में ऊंचे पदों पर काम कर चुके हैं, कई बार सांसद रह चुके हैं. उनके सामने बिलावल की राजनीतिक हैसियत शून्य है.”
कौन-कौन जाएगा पाकिस्तान की ओर से?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान के इस प्रतिनिधिमंडल में बिलावल भुट्टो के अलावा मंत्री मुसादिक मलिक, खुर्रम दस्तगीर खान, शेरी रहमान और विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार जैसे चेहरे शामिल हैं. ये डेलिगेशन अमेरिका, लंदन, पेरिस, ब्रसेल्स और संभवत रूस का भी दौरा कर सकता है. हालांकि, रूस को लेकर अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
भारत ने जहां वैश्विक मंचों पर ठोस रणनीति और प्रभावशाली प्रतिनिधियों के ज़रिए आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश देने की योजना बनाई है, वहीं पाकिस्तान फिर एक बार बिना तैयारी और केवल दिखावे के लिए ऐसे चेहरों को आगे कर रहा है, जिनकी अपनी छवि ही मज़ाक बन चुकी है.