Operation Sindoor: भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. इस बार मुद्दे के केंद्र में सीनियर कांग्रेस नेता शशि थरूर हैं, जिन्हें मोदी सरकार की तरफ से अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल लीडरशिप करने के लिए चुना गया है. लेकिन जानकार हैरानी होगी कि कांग्रेस की सिफारिशी लिस्ट में उनका नाम ही नहीं था.
पाकिस्तान का एक्सपोजिंग प्लान
केंद्र सरकार ने ये प्रतिनिधिमंडल भारत की “आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस” नीति को दुनिया के सामने रखने के लिए तैयार किया है. ये कदम 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के खिलाफ की गई सैन्य कार्रवाई के बाद उठाया गया.
अमित मालवीय ने उठाए कई गंभीर सवाल
बीजेपी के IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस खुद नहीं चाहती कि शशि थरूर जैसा अंतरराष्ट्रीय अनुभव रखने वाला नेता देश की तरफ से दुनिया के सामने बोले. उन्होंने कहा, “थरूर की विदेश नीति पर समझ, UN में अनुभव और बोलने की क्षमता किसी से छिपी नहीं है. तो कांग्रेस ने उन्हें क्यों नहीं चुना? क्या ये जलन है या फिर हाई कमान से ज़्यादा चमकने का डर?”
कई कांग्रेस नेताओं पर साधा निशाना
मालवीय ने कांग्रेस द्वारा चुने गए कुछ प्रतिनिधियों पर भी निशाना साधा. उन्होंने सैयद नासिर हुसैन को लेकर कहा कि उनके समर्थकों ने “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे विधान सभा में लगाए थे जब वो राज्यसभा में जीते थे. इस मामले में तीन लोगों को पुलिस ने सबूतों और गवाहों के आधार पर गिरफ्तार किया था. मालवीय ने कहा, “जो नेता खुद इस तरह के गंभीर आरोपों में घिरे हों, उन्हें हम कैसे भारत का प्रतिनिधित्व करने भेज सकते हैं, खासकर पाकिस्तान से जुड़ी संवेदनशील बैठकों में?”
सीएम हिमंता बिस्वा ने उठाए सवाल
इसके अलावा उन्होंने गौरव गोगोई को लेकर भी सवाल उठाए गए. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का दावा है कि गोगोई पाकिस्तान में 15 दिन रहे थे और उनकी पत्नी एलिज़ाबेथ कोलबर्न भी पहले 7 दिन साथ थीं. सरमा ने यह भी आरोप लगाया कि एलिज़ाबेथ का संबंध पाकिस्तान की सेना से था और उन्हें वहां से सैलरी मिलती थी.
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