कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की तो कांग्रेस खफा हो गई. दरअसल, केरल कांग्रेस के मुखपत्र ने बिना नाम लिए शशि थरूर को नसीहत दी. कांग्रेस के मुखपत्र के संपादकीय में लिखा गया कि निकाय चुनाव से पहले पार्टी की उम्मीदों को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए. आगामी चुनावों से पहले पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं की उम्मीदों को धोखा नहीं देना चाहिए.
बता दें, थरूर ने 15 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मीटिंग की सराहना की थी. उन्होंने केरल के स्टार्टअप सेक्टर की भी तारीफ की थी. इस चीज को प्रदेश की सत्तारूढ़ सीपीएम की उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है.
केरल के औद्योगिक नीति की आलोचना
मुखपत्र के संपादकीय कॉलम में कांग्रेस ने केरल सरकार के औद्योगिक उपलब्धियों पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि केरल के औद्योगिक सेक्टर को बर्बाद कर दिया गया है. लेख में कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री आर शंकर, सी अच्युत मेनन, के करुणाकरण, एके एंटनी और ओमन चांडी के कार्यकाल में हुए औद्योगिक विकास का जिक्र किया.
'पीएम मोदी-ट्रंप की मुलाकात बड़ी उपलब्धि नहीं'
पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात को लेकर भी मुखपत्र में टिप्पणी की गई. संपादकीय कॉलम में उन्होंने लिखा कि पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है. ये बस छवि सुधारने का ही प्रयास है.
बता दें, थरूर के बयान की जहां कांग्रेस ने आलोचना की तो केरल सरकार ने उनके विचारों का समर्थन किया. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के सुधाकरण ने सरकार पर आरोप लगाया कि वे आंकड़ों में हेराफेरी कर रहे हैं.
मैं पार्टी का प्रवक्ता नहीं- थरूर
15 फरवरी को कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पीएम मोदी और ट्रंप की मीटिंग की तारीफ की थी. उन्होंने तारीफ करने के पीछे तर्क दिया था कि मैं सिर्फ एक भारतीय के रूप में इसकी सराहना करता हूं. मैं मामले में राष्ट्र हित को ध्यान में रखकर बोल रहा हूं. हमें हमेशा पार्टी के हितों के बारे में ही बात नहीं करना है. मैं पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूं. मैं तिरुवनंतपुरम के लोगों द्वारा चुना गया जनप्रतिनिधि हूं. इस नाते मैंने तारीफ की है.