SCO Summit
प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संघठन यानी एससीओ में हिस्सा लेने चीन के तियानजिन शहर पहुंचे हुए हैं. शनिवार को जब पीएम मोदी चीन पहुंचे तो भारतीय समुदाय ने उनका भव्य स्वागत किया. पीएम मोदी और शी जिनपिंग की यह मुलाकात ऐसे समय हो रही है, जब टैरिफ को लेकर भारत और अमेरिका के रिश्तों में दूरी बढ़ती दिखाई दे रही है.
ट्रंप के फैसलों से दुनिया में उथल-पुथल
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप जब से दूसरी बार अमेरिका की सत्ता में आए हैं, उनके फैसलों से दुनिया भर में उथल-पुथल मची हुई है. ट्रंप राजनेता से पहले कारोबारी हैं. इसलिए उनकी हर पॉलिसी कारोबार को देखते हुए ही बनती है. वह हर मुद्दे का हल व्यापारिक समझौतों से करने की कोशिश करते दिखते हैं. ट्रंप ने कई देशों को अमेरिकी टैरिफ के दम पर झुकाने की कोशिश की. कुछ देशों ने उनके टैरिफ के दबाव में हथियार भी डाल दिए. लेकिन भारत और ब्राजील समेत कई देश ना तो झुके और ना ही रुके. ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने को आधार बनाकर भारत के खिलाफ 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया. तो भारत ने अमेरिका और यूरोपीय देशों के डबल स्टैंडर्ड की पोल खोल दी. भारत ने सार्वजनिक तौर पर अमेरिका से सवाल पूछा कि जब वह खुद रूस से कारोबार कर रहा है तो भारत को कैसे रोक सकता है?
भारत के पक्ष में समीकरण
वहीं, चीन ने भी टैरिफ से दबने की बजाय अपना रुख मजबूती से रखा है और भारत के समर्थन में खड़ा है. बदले माहौल में भारत और चीन के रिश्ते सुधर रहे हैं. भारत चीन की बढ़ती दोस्ती अमेरिका की चिंता बढ़ा सकती है. इस बीच रूस के राष्ट्रपति ऑफिस ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि पुतिन इस साल दिसंबर में भारत आएंगे. 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन का यह पहला भारत दौरा होगा.