Sawal Hai Bawal Hai: बुर्का हटाकर पहचान, मचा सियासी घमासान, जानें पीछे क्या है संदेश

बिहार चुनाव में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. आज की बहस की क्या मुस्लिम महिला वोटरों को हिजाब में मतदान करने को खास चर्चा हुई.

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Mohit Saxena
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बिहार चुनाव में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. आज की बहस की क्या मुस्लिम महिला वोटरों को हिजाब में मतदान करने को खास चर्चा हुई.

बिहार चुनाव में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. आज की बहस की क्या मुस्लिम महिला वोटरों को हिजाब में मतदान करना चाहिए. इस पर बहस के लिए स्टूडियो एक जानी मानी राजनीतिक विश्लेषक को बुलाया गया. मगर उनकी पहचान को छिपाया गया था. उन्होंने हिजाब पहना हुआ था. हमारे एंकर ने पैनल के अन्य सहयोगियों से पूछा, 'मैं चाहता हूं आप मुझे बताइए यह जो एक प्रोसीजर यह बहुत लंबे समय से जो चुनाव आयोग ने लागू करने की बात कही है. बकायदा आशा कार्यकर्ता को वहां पर तैनात किया है. इसमें गलत क्या है? मैं आपसे पूछ रहा हूं जो मेरे साथ स्टूडियो में जो बैठी हैं उन्हें पहचाने. उस बुर्के में महिला ने कहा, मै भाई जेटली जी को भी जानती हूं. तहसीन पूना वाला भाई भी पहचानते हैं अच्छे तरीके से. सब लोग जानते हैं. बताएं मैं कौन हूं? इस पर जेटली ने कहा मैं अपनी बहन को नहीं पहचान पा रहा हूं. मैं अब सच्चाई बोल रहा हूं. ये वन वे ट्रैफिक हो गया. आप तो हमें देख सकते हो. हम आपको नहीं देख सकते. इसका मतलब यही अधिकारियों के साथ चुनौती आने वाली है. 

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कोई सवाल उठना ही नहीं चाहिए

महिला ने कहा, 'रमेश भाई जब मेरा चेहरा कोई देखेगा तभी पहचान पाएगा। मैं ये खोल दूं. तब शायद तब शायद मेरे को पहचान पाए. जेटली भाई साहब से पूछिए आप पहचान रहे हैं. शबनम खान को या नहीं? अच्छा रमेश भाई अब मुझे बताइए अब अच्छा लग रहा है जब आप सब लोग मुझे पहचान पा रहे. इस पर एंकर ने कहा, शबनम खान जी अगर कहीं पर मैं पासपोर्ट बनवाने जाऊं या मैं कोई किसी भी जगह अपना स्कूल में एडमिशन लेने जाऊं जब मेरी फोटो चाहिए होती है तो वोट डालने में विपक्षियों को क्या प्रॉब्लम हो जाती है कि नहीं .

आपको हमसे कोई लेना देना नहीं है

शबनम खान ने कहा, 'मुसमान बहनों के ठेकेदार आपने क्यों जिम्मेदारी ले रखी है कि मैं ऐसे ही जाऊंगी मैं ऐसे ही जाऊंगी वोट डालने. ऐसे अगर लआप हमारे हितैषी होते, तो आप कहते उतरवाइए बुर्का क्यों पहनेंगी मेरी बहनें बुर्का इज्जत के साथ रिस्पेक्ट के साथ उनकी तरफ कोई आंख उठाकर भी नहीं देखेगा जैसे जो बहन आना चाहती है. वोट डाल कर आनी चाहिए तब तो मैं मानती हां आप मुसलमानों के हितैषी हैं पर आप तो हमारे पीछे ही पड़े. स्कूल में भी पहनो स्कूल में भी हिजाब लगा कर ही बैठो बहनों क्यों. क्योंकि आपको हमारे ऊपर राजनीति बांधनी है. आपको हमसे कोई लेना देना नहीं है.'

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