Satyapal Malik Death: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन हो गया है. मंगलवार दोपहर 1.20 बजे मलिक ने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में आखिरी सांसें लीं. उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव में जन्में मलिक का राजनीतिक सफर परिवर्तन, संघर्ष और संवैधानिक मूल्यों से भरी हुई है. छात्र राजनीति से उभरे मलिक विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा और केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल रह चुके हैं, आइये जानते हैं उनके बारे में सबकुछ…
मलिक का नाम 24 जुलाई 1946 को बागपत के हिसावदा में हुआ था. तीन दशकों तक वे राजनीति में सक्रिय रहे हैं. गरीब किसान परिवार में मलिक का पालन पोषण हुआ. उनके पिता की मृत्यु के बाद मां ने घर की बागडोर संभाली और परिवार का लालन पोषण किया. उन्होंने पड़ोसी गांव के प्राथमिक विद्यालय और ढिकौली इंटरकॉलेज से उन्हें शिक्षा हासिल की. इसके बाद उन्होंने मेरठ के कॉलेज से बीएससी और एलएलबी पूरी की.
Satyapal Malik Death: ऐसा रहा राजनीतिक सफर
मलिक मेरठ कॉलेज में छात्रसंघ के अध्यक्ष बने. दो बार वे इस पद पर रहे. डॉ. राम मनोहर लोहिया उनकी प्रेरणा रहे हैं. 1974 में बागपत से वे विधायक बने. भारतीय क्रांति दल की टिकट पर वे विधानसभा पहुंचे थे. इसके बाद 1980-84 और 1986-1989 तक वे राज्यसभा के सदस्य रहे. 1989 में जनता दल ने उन्हें अलीगढ़ से टिकट दिया और चुनाव जीतकर मलिक लोकसभा पहुंच गए. इसके बाद वे केंद्रीय पर्यटन एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री रहे. इसके बाद 1996 में वे समाजवादी पार्टी से लोकसभा चुनाव में उतरे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
Satyapal Malik Death: भाजपा में शामिल
2004 में मलिक भाजपा में शामिल हुए. उन्हें उत्तर प्रदेश का भाजपा अध्यक्ष और किसान मोर्चा का राष्ट्रीय प्रभारी नियुक्त किया गया. इसके बाद 2012 में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय उपाअध्यक्ष नियुक्त किया गया.
Satyapal Malik Death: राज्यपाल के पद पर कार्य
30 सितंबर 2017–23 अगस्त 2018: बिहार के राज्यपाल
21 मार्च–28 मई 2018: ओडिशा का अतिरिक्त प्रभार
23 अगस्त 2018–30 अक्टूबर 2019: जम्मू-कश्मीर के आखिरी राज्यपाल. इस दौरान 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाया गया था.
3 नवंबर 2019–18 अगस्त 2020: गोवा के राज्यपाल
18 अगस्त 2020–3 अक्टूबर 2022: मेघालय के राज्यपाल