राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का रविवार को समापन हो गया. कार्यक्रम तीन दिवसीय था. कार्यक्रम का आयोजन कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरू में आयोजित हुई थी. आरएसएस के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
समापन दिवस पर संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान, उन्होेंने बैठक के निष्कर्षों को साझा किया. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने देश के वर्तमान मुद्दों के बारे में बात की. दत्तात्रेय होसबोले ने औरंगजेब से लेकर मुस्लिम आरक्षण और भाजपा अध्यक्ष तक के मुद्दों पर पूछे गए सवालों के जवाब दिए.
औरंगजेब के मुद्दे पर की बात
औरंगजेब के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भारत के जो विरोधी रहे हैं, उन्हें आईकन नहीं बनाया जा सकता है. गंगा-जमुनी तहजीब की बात करने वाले लोग औरंगजेब के भाई दारा शिकोह को क्यों याद नहीं करते हैं. दिल्ली में औरंगजेब रोड को बदलकर अगर अब्दुल कलाम रोड किया गया है तो उसका कोई तो मतलब होगा, जो भी हमारी संस्कृति के बारे में बात करेगा, हम उसे ही फॉलो करेंगे.
भाजपा अध्यक्ष के चयन पर की बात
भाजपा अध्यक्ष के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए कोई प्रचारक भेजने की हमारी मंशा नहीं है. सभी संगठन स्वतंंत्र हैं. वे अपनी प्रक्रिया के तहत अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए स्वतंत्र हैं. अध्यक्ष पद के लिए हमसे पूछकर कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है.
जातिगत जनगणना पर की बात
जातिगत जनगणना के विषय पर उन्होंने कहा कि समाज में जाति-बिरादरी के हिसाब से आपस में झगड़ा नहीं होना चाहिए. स्पोर्ट्स में जब कोई मेडल आता है या फिर कोई सैनिक अगर बॉर्डर पर शहीद होता है तो हम उसका जाति-धर्म नहीं देखते. हमें उन पर गर्व महसूस होता है और यही सद्भाव होता है.
बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ पर की बात
बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जब भी अवैध घुसपैठ होती है तो सरकार की जिम्मेदारी है कि हम इसे रोकने के लिए कदम उठाएं. चाहे बांग्लादेश से हो या फिर कहीं और से हमने हमेशा कहा है कि ये नहीं होना चाहिए.
मुस्लिमों के आरक्षण पर की बात
मुस्लिमों को आरक्षण देने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि संविधान में धार्मिक आधार पर आरक्षण देने का कोई विकल्प नहीं है. बाबा साहब भी ये नहीं चाहते थे. कोई भी सरकार अगर ऐसा करती है तो साफ है कि ये काम बाबा साहब की मंशा के खिलाफ हो रहा है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी एक बार धर्म के आधार पर आरक्षण देने का ऐलान किया था पर सुप्रीम कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी.
भाजपा के कामकाज पर की बात
भाजपा के कामकाज पर उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि सब ठीक चल रहा है. अगर हमें कुछ लगता है कि इस क्षेत्र में ये काम किया जाना चाहिए तो हम अपनी बात रखते हैं. हम भाजपा के अभिभावक नहीं है कि उन्हें हर चीज बताएं कि कैसे करो.