संघ शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य के मौके पर तीन दिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इसके पहले दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत ने कहा कि संघ का निर्माण भारत को केंद्र में रखकर हुआ है और इसकी सार्थकता भारत के विश्वगुरु बनने में है। भागवत ने अपने संबोधन में हिंदू राष्ट्र, राष्ट्रीय एकता, विविधता और जिम्मेदारी जैसे कई अहम मुद्दों पर अपने राय रखी। उन्होंने अपने 40 मिनट के लंबे भाषण में इतिहास, समाज और राजनीति से जुड़े कई पहलुओं का जिक्र किया।
हिंदू राष्ट्र को लेकर क्या बोले मोहन भागवत?
भागवत ने कहा कि जब हम हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं तो लोग सवाल उठाते हैं। मगर उन्होंने स्पष्ट किया- “हमारा राष्ट्र पहले से ही है. अगर हिंदू शब्द हटा दिया जाए, तब उस पर विचार करना चाहिए. हिंदू राष्ट्र का अर्थ किसी को अलग करना नहीं है.” अगर हम हिंदू राष्ट्र कहते हैं तो हम किसी को छोड़ रहे हैं, यह ठीक नहीं है. हम किसी के विरोध में नहीं हैं.