PM Modi News: भारत में पहली बार ‘रिवर डॉल्फिन’ की जनसंख्या का सर्वे किया गया, जिसमें 6327 डॉल्फिन पाए जाने का अनुमान लगाया गया है. यह सर्वे गंगा, ब्रह्मपुत्र और उनकी सहायक नदियों में किया गया. PM नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों का असर इस सर्वे में साफ दिख रहा है. उनके 'नमामि गंगे' और जल संरक्षण अभियानों से नदियों की सफाई हुई है, जिससे जलचर जीवों को सुरक्षित वातावरण मिला है.
किन नदियों में हुआ सर्वे?
'रिवर डॉल्फिन' की मौजूदगी की स्थिति का पता लगाने के लिए यह सर्वे गंगा, ब्रह्मपुत्र, मेघना और उनकी सहायक नदियों में किया गया. PM मोदी के जल संरक्षण प्रयासों की वजह से इन नदियों में अब डॉल्फिन की संख्या बढ़ने लगी है, जो एक सकारात्मक संकेत है.
PM मोदी के नेतृत्व में जल संरक्षण के लिए क्या किए गए हैं प्रयास?
PM नरेंद्र मोदी की सरकार ने 'गंगा डॉल्फिन संरक्षण योजना' और 'नमामि गंगे' जैसी योजनाएं शुरू की हैं, जिनका मकसद नदियों को साफ करना और जलीय जीवों को सुरक्षित वातावरण देना है. यह सर्वे भी इन्हीं प्रयासों का हिस्सा है, जिससे भारत की जैव विविधता को संरक्षित किया जा सके.
रिवर डॉल्फिन क्यों है महत्वपूर्ण?
गंगा डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव (National Aquatic Animal) घोषित किया गया है. यह केवल स्वच्छ और गहरे पानी में जीवित रह सकती है, इसलिए इसकी उपस्थिति से नदियों की सेहत का पता चलता है. PM मोदी की योजनाओं से जल प्रदूषण कम हुआ है, जिससे डॉल्फिन के अस्तित्व को नया जीवन मिला है.
संरक्षण के लिए सरकार की नई योजनाएं
भारत सरकार इस सर्वे के नतीजों के आधार पर डॉल्फिन संरक्षण के लिए नई रणनीतियां बना रही है. PM मोदी पहले ही इस दिशा में कई पहल कर चुके हैं, जिसमें गंगा डॉल्फिन टास्क फोर्स और सस्टेनेबल इकोसिस्टम संरक्षण कार्यक्रम शामिल हैं.
भारत में पहली बार हुए इस 'रिवर डॉल्फिन' सर्वे ने बताया कि PM मोदी के नेतृत्व में किए गए जल संरक्षण प्रयासों का सकारात्मक असर हो रहा है. 6327 डॉल्फिन का अनुमान दर्शाता है कि सही नीतियों से न केवल नदियों की सफाई संभव है, बल्कि लुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण भी किया जा सकता है.
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