झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव परीक्षण का सामना करेगी। सुबह 11 बजे सीएम सोरेन सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पेश करेंगे, जिसपर बहस के बाद वोटिंग होगी।
81 सदस्यीय विधानसभा में विधायकों का मौजूदा स्ट्रेंथ 76 है और बहुमत के लिए न्यूनतम 39 मतों की जरूरत होगी। हेमंत सोरेन ने 3 जुलाई को सरकार बनाने के लिए राज्यपाल के पास दावा पेश करते वक्त 44 विधायकों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र सौंपा था। माना जा रहा है कि सरकार विश्वास मत परीक्षण में सफल रहेगी।
झामुमो की अगुवाई वाली इस गठबंधन सरकार में कांग्रेस और राजद साझीदार हैं। सीपीआई एमएल के एक विधायक का भी सरकार को समर्थन प्राप्त है। दूसरी तरफ एनडीए के पास 27 विधायक हैं।
यह चौथा मौका होगा, जब हेमंत सोरेन बतौर सीएम झारखंड विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पेश करेंगे। सबसे पहली बार 2013 में सीएम बनने के बाद वह फ्लोर टेस्ट में सफल हुए थे। दूसरी बार वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की जीत के बाद सीएम बने थे और विधानसभा में विश्वास मत जीता था। तीसरी बार उन्होंने पत्थर खदान लीज विवाद में सरकार को राज्यपाल द्वारा बर्खास्त किए जाने की आशंका को देखते हुए 5 सितंबर, 2022 को एक दिन का विशेष सत्र बुलाकर विश्वास मत साबित किया था।
ईडी ने हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में इसी साल 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उनकी जगह उनके मंत्रिमंडल में शामिल रहे चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को सीएम की कुर्सी संभाली थी। 28 जून को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद हेमंत सोरेन जेल से बाहर आए और उसके छठे दिन ही चंपई सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दिया। इसके बाद अगले दिन 4 जुलाई को हेमंत सोरेन ने सीएम पद की शपथ ली।
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Source : IANS