इटली में रेप और बच्चों से यौन शोषण के मामले ने अब सरकार को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है. प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की सरकार अब एक ऐसा कानून लाने जा रही है जो यौन अपराधियों को दवा के जरिए नापुंसक बना देगा. इस सजा को केमिकल कैस्ट्रेशन कहा जाता है. इसका मतलब है कि अपराधी को ऐसी दवाएं दी जाएंगी जो उसकी यौन इच्छा को लगभग खत्म कर देगी और यह इलाज पूरी तरह से स्वैच्छिक होगा. यानी अगर अपराधी खुद चाहे तभी दिया जाएगा. बदले में उसे जेल की सजा में कुछ राहत मिल सकती है. हालांकि यह स्थाई नहीं होगा. दवा बंद होते ही असर धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा.
यह कानून उस पृष्ठभूमि में लाया जा रहा है, जब हाल ही के महीनों में इटली में बच्चों के साथ सामूहिक बलात्कार और यौन हिंसा की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो, स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर हुई घटनाओं ने देश को झकझोर दिया है. जनता में भारी आक्रोश है और सरकार पर दबाव है कि कुछ ऐसा किया जाए, जिससे ऐसे अपराध दोबारा ना हो सकें. इसी को देखते हुए मैलोनी सरकार और उनके सहयोगी दल लीग पार्टी ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है. लेकिन जैसा कि हर कड़े कानून के साथ होता है. इस प्रस्ताव का विरोध भी शुरू हो गया है. कुछ विपक्षी नेता और मानव अधिकार संगठन इस पर सवाल उठा रहे हैं. उनका तर्क है कि हर यौन अपराधी केवल यौन इच्छा से नहीं होता. बल्कि गुस्से और मानसिक असंतुलन से भी होता है.
ऐसे में केवल हार्मोन को नियंत्रित करके अपराध रुकेंगे नहीं. इसकी कोई गारंटी नहीं है. कुछ डॉक्टरों का यह भी कहना है कि इस तरह की सजा देने से अपराधियों के मौलिक अधिकारों का हनन भी हो सकता है. इटली सरकार ने इस कानून के ड्राफ्ट पर काम करना भी शुरू कर दिया है. एक समिति गठित की गई है जो इसके नियम कायदे तय करेगी. इसके बाद यह प्रस्ताव संसद में जाएगा और बहस के बाद पास होने की प्रक्रिया से गुजरेगा. इटली में इससे पहले कभी इस तरह का कानून नहीं बना. लेकिन कुछ यूरोपीय और एशियाई देशों में सीम स्तर पर इस सजा का इस्तेमाल हुआ है. अब इटली से राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने जा रहा है. यहां बड़ा सवाल यह भी है कि क्या भारत जैसे देश जहां महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराध बड़ी चिंता का विषय है.