Ram Vilas Vedanti: पूर्व सांसद रामविलास वेदांती का निधन, राम मंदिर आंदोलन के सूत्रधार थे

Ram Vilas Vedanti: भाजपा के पूर्व सासंद डॉ. राम विलास वेदांती का निधन हो गया है. 75 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांंसे लीं. जानें इनके बारे में सबकुछ...

Ram Vilas Vedanti: भाजपा के पूर्व सासंद डॉ. राम विलास वेदांती का निधन हो गया है. 75 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांंसे लीं. जानें इनके बारे में सबकुछ...

author-image
Jalaj Kumar Mishra
New Update
Ram Vilas Vedanti passes away at the age of 75 Ram Mandir movement

Ram Vilas Vedanti

राम मंदिर आंदोलन के ध्वजावाहक संत और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार को निधन हो गया है. वे 75 साल के थे. मध्य प्रदेश के रीवा में उन्होंने अंतिम सांस ली थी. 10 दिसंबर को वेदांती दिल्ली से रीवा आए थे. रीवा में उनकी रामकथा जारी है. उनकी तबीयत इसी दौरान बिगड़ गई. दो दिनों से उनका इलाज चल रहा था. इसी दौरान, सोमवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई. उन्हें दिल्ली ले जाने के लिए एयर एंबुलेंस पहुंची लेकिन कोहरे के कारण वह लैंड नहीं हो पाई. थोड़ी देर बाद ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. 

Advertisment

उनके उत्तराधिकारी महंत राघवेश दास वेदांती ने उनके निधन की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि महाराजजी का पार्थिव शरीर अयोध्या लाया जा रहा है. वेदांती हनुमानगढ़ी के महंत अभिराम दास के शिष्य थे. वे अयोध्या में हिंदू धाम नया घाट पर रहते थे. वशिष्ठ भवन में भी उनका एक आश्रम है. उन्होंने कई दशकों तक अयोध्या में रामकथा की है. वे संस्कृत के विशिष्ट विद्वान माने जाते थे. 

वेदांती राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य रहे हैं. इसके बाद भाजपा ने उन्हें लोकसभा का टिकट दिया और वे चुनाव जीतकर संसद पहुंच गए. 

सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि

सीएम योगी ने एक्स पर इस बारे में एक पोस्ट भी किया. अपने पोस्ट में उन्होंने वेदांती को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने एक्स पर लिखा- पूज्य संत डॉ. वेदांती का निधन सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है. उनका जाना एक युग का अंत है. उनका जीवन धर्म, राष्ट्र और समाज के लिए समर्पित है. हम सबके लिए ये प्रेरणा का स्रोत है.

इन दो लोकसभा सीटों से सासंद रह चुके हैं वेदांती

रीवा के गुढ़वा गांव में सात अक्टूबर 1958 को डॉ. वेदांती का जन्म हुआ था. वे उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ और मछलीशहर सीट से सांसद रहे हैं. श्रीराम मंदिर आंदोलन को धार देने की वजह से वेदांती को राम मंदिर जन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया था.

Advertisment