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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सिंध की जमीन आज भले ही भारत का हिस्सा न हो लेकिन सभ्यसता के हिसाब से सिंध हमेशा भारत का हिस्सा होगा. जहां तक जमीन की बात है तो बॉर्डर कब बदल जाए कौन जानता है. कल फिर से सिंध भारत में वापस आ जाए.
#WATCH | Delhi: Defence Minister Rajnath Singh says, "...Today, the land of Sindh may not be a part of India, but civilisationally, Sindh will always be a part of India. And as far as land is concerned, borders can change. Who knows, tomorrow Sindh may return to India again..."… pic.twitter.com/9Wp1zorTMt
— ANI (@ANI) November 23, 2025
दिल्ली में सिंधी सम्मेलन में हुए शामिल
दरअसल, राजनाथ सिंह रविवार को दिल्ली में आयोजित सिंधी सम्मेलन में पहुंचे थे. कार्यक्रम को उन्होंने संबोधित किया. कार्यक्रम में लालकृष्ण आडवाणी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आडवाणी ने अपनी किताब में लिथा था कि सिंधी हिंदू, खासतौर पर जो उनकी पीढ़ी के हैं, वे अब भी सिंध को भारत से अलग नहीं मानते हैं.
भारतीय जनता पार्टी हमेशा से सिंधी समाज के हक और उनकी अधिकार के पक्ष में खड़ी रही है। सिंधी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने 1957 में पहला गैर-सरकारी विधेयक पेश कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। श्रद्धेय अटल जी ने सिंधी भाषा का… pic.twitter.com/av7gwaWlKw
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 23, 2025
सिंधी समाज ने अपनी अनूठी पहचान बरकरार रखी
राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम में कहा कि सिंधी समाज भारत के साथ-साथ दुनिया भर में अपनी मेहनत और प्रतिभा के लिए जाना जाता है. सिंधी समाज ने अपनी अनूठी पहचान अब भी बनाए रखी है फिर चाहे वह सिंधी भाषा की मिठास हो या फिर संत काव्य. सिंधी कला की जीवतंता आज भी दिखती है. ये हमारी साझा परंपराओं की एक मिशाल है.
सिंधी समाज भारत और विश्व भर में अपनी मेहनत और प्रतिभा के लिए जाना जाता है। सिंधी समाज ने अपनी अनूठी पहचान को भी बनाए रखा है। चाहे वह सिंधी भाषा की मिठास हो या संत काव्य या फिर सिंधी कला की जीवंतता। ये हमारी साझा परंपराओं को दर्शाते हैं। pic.twitter.com/CGZYJI9qGx
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 23, 2025
पाकिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा सूबा है सिंध
बता दें, 1947 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान, सिंध पाकिस्तान के हिस्से में चला गया. सिंध पाकिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा सूबा है. कराची सिंध की राजधानी है, जिसे पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कहा जाता है. यहां उर्दू, सिंधी और अंग्रेजी बोली जाती है.
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