रेल मंत्रालय को मिली बड़ी मंजूरी, चार मल्टीट्रैकिंग प्रोजेक्ट्स से 18 जिलों को मिलेगी नई रफ्तार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में भारतीय रेलवे की चार प्रमुख मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी गई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में भारतीय रेलवे की चार प्रमुख मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी गई.

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Ravi Prashant
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इंडियन रेलवे Photograph: (ANI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) की बैठक में भारतीय रेल के चार बड़े मल्टीट्रैकिंग प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे दी गई. कुल 24,634 करोड़ रुपये की लागत वाले ये प्रोजेक्ट महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 18 जिलों को कवर करेंगे. इनसे भारतीय रेल नेटवर्क में 894 किलोमीटर का विस्तार होगा.

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मंजूर किए गए चार प्रमुख रेल प्रोजेक्ट्स हैं

  • वर्धा–भुसावल तीसरी और चौथी लाइन (314 किमी)- महाराष्ट्र
  • गोंदिया–डोंगरगढ़ चौथी लाइन (84 किमी)– महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़
  • वडोदरा–रतलाम तीसरी और चौथी लाइन (259 किमी)– गुजरात व मध्य प्रदेश
  • इटारसी–भोपाल–बीना चौथी लाइन (237 किमी)– मध्य प्रदेश

3,633 गांवों को मिलेगी बेहतर कनेक्टिविटी

इन परियोजनाओं के पूरा होने की समयसीमा वित्त वर्ष 2030-31 तय की गई है. सरकार के अनुसार, इन प्रोजेक्ट्स से 3,633 गांवों को बेहतर रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जिनकी आबादी लगभग 85.84 लाख है. इनमें दो आकांक्षी जिले विदिशा (मध्य प्रदेश) और राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) भी शामिल हैं.

रेल मंत्रालय ने क्या? 

रेलवे मंत्रालय का कहना है कि मल्टीट्रैकिंग से न केवल ट्रेनों की रफ्तार और समयपालन सुधरेगा, बल्कि माल ढुलाई क्षमता भी कई गुना बढ़ जाएगी. इससे परिचालन दक्षता में सुधार होगा और जाम या देरी की समस्या में भारी कमी आएगी.

पीएम मोदी का है मास्टर प्लान

ये प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ के तहत तैयार किए गए हैं. इनका लक्ष्य मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी, लॉजिस्टिक दक्षता और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना है.

इस प्रोजेक्ट के दायरे में आएंगे कई पर्यटन स्थल

प्रोजेक्ट के दायरे में आने वाले इलाकों में कई ऐतिहासिक और पर्यटन स्थल भी हैं, जैसे—सांची स्तूप, भिंबेटका की रॉक शेल्टर्स, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, हजारा फॉल्स और नवेगांव नेशनल पार्क. इन स्थलों तक पहुंचना अब और आसान होगा, जिससे पर्यटन को भी नया बल मिलेगा.

हर साल 78 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई

रेल मंत्रालय के मुताबिक, ये रूट देश के लिए आर्थिक रूप से बेहद अहम हैं, क्योंकि इन्हीं लाइनों से कोयला, सीमेंट, स्टील, अनाज और कंटेनर माल का परिवहन होता है. नई क्षमता से रेलवे को हर साल 78 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई की क्षमता मिलेगी.

पर्यावरणीय दृष्टि से भी यह परियोजना महत्वपूर्ण है. इससे 28 करोड़ लीटर ईंधन की बचत, 139 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी और 6 करोड़ पेड़ों के बराबर हरित प्रभाव हासिल होगा.

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