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aganwadi Photograph: (social media)
केंद्र सरकार बुधवार को प्राथमिक विद्यालयों के साथ आंगनवाड़ी केंद्रों (एडब्ल्यूसी) को एक साथ लाने की तैयारी कर ली है. इसके लिए गाइडलाइन जारी की है. इनमें प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) को मजबूत करने को लेकर शिक्षकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से संयुक्त योजना के प्रावधान है. पाठक्रम संरेखण, माता-पिता की भागीदारी और बाल अनुकूल शिक्षण स्थानों प्रावधान किए हैं.
दिशा-निर्देशों का अनावरण​ शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने संयुक्त रूप से किया. अफसरों ने बताया कि भारत को 14 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों से करीब 2.9 लाख पहले से ही स्कूल परिसर में मिले हैं. समन्वय को तय करने लिए कई तरह के मानक तंत्र नहीं है.
ये दो मॉडल बताए
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के लिए एक वरिष्ठ अफसर ने कहा, "ये दिशानिर्देश एक उचित प्रणाली बनाने की तैयारी है. राज्य और केंद्र शासित प्रदेश एक समान कार्यप्रणाली अपना सकें." इस ढांचे में दो मॉडल बनाए हैं, पर्याप्त स्थान और सुविधाओं वाले स्कूलों के अंदर आंगनवाड़ी केंद्रों का भौतिक सह-स्थान या जहां प्रत्यक्ष सह-स्थान संभव नहीं है. वहां आंगनवाड़ी केंद्रों का आस-पास के स्कूलों से मानचित्रण.
क्या-क्या रखे गए हैं प्रावधान
इसमें छोटे बच्चों के लिए अलग प्रवेश और निकास द्वार के साथ मध्याह्न भोजन के लिए समर्पित रसोईघर, इनडोर और आउटडोर खेल क्षेत्र और बच्चों के लिए अनुकूल शौचालय जैसे मानदंड भी तय किए गए हैं. दिशानिर्देशों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और स्कूल शिक्षकों के बीच मासिक समन्वय बैठकें, ईसीसीई दिवस, प्रवेशोत्सव और अभिभावक-शिक्षक बैठकों जैसे संयुक्त आयोजन और एकीकृत गतिविधि कैलेंडर तय किए गए हैं.
उन्होंने सेवाओं के दोहराव से बचने को लेकर ग्रेड 1 में संक्रमण को सुचारू तय करने के लिए बच्चों के डेटा के मिलान की भी सिफारिश की. प्री-स्कूल बच्चों के लिए पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय आधारभूत चरण पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ-एफएस) 2022 के साथ संरेखित किया जाना है. वहीं खेल-आधारित, गतिविधि-संचालित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जादुई पिटारा और आधारशिला पाठ्यक्रम जैसे उपकरणों का सुझाव दिया गया है.
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