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अजीत डोभाल (social media)
राजधानी में एक बड़ी बैठक होने जा रही है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी अगले सप्ताह भारत के दौरे पर होंगे. इस दौरान चीनी विदेश मंत्री नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) अजीत डोभाल के साथ बातचीत करने वाले हैं. यह दौरा ऐसे वक्त पर हो रहा है. जब पूरे विश्व में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ की चर्चा है और देश में अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है. ट्रंप चाहते हैं कि भारत रूस से तेल लेना बंद कर दे. इसके साथ हथियारों की खरीद में वह उस निर्भर हो जाए. मगर ऐसा संभव नहीं है. इस दौरान अमेरिका पाकिस्तान को खुलकर समर्थन दे रहा है.
कड़वाहट बढ़ती जा रही
अमेरिका और भारत के रिश्तों में लगातार कड़वाहट बढ़ती जा रही है. ट्रंप यह साफ कर चुके हैं कि रूस से तेल नहीं खरीदा जाए. भारत यह जानता है कि रूसी तेल सस्ता है, भरोसेमंद है और इसी पर देश की अर्थव्यवस्था निर्भर है. अब अमेरिका ने सार्वजनिक रूप से भारत की मुखालफत की है. उसे रूस से दूर रहने की धमकी दे रहा है. वहीं दूसरी ओर अमेरिका और पाकिस्तान के बीच नजदीकियां बढ़ती जा रही है. इसे भारत के लिए नई सुरक्षा मुश्किलें सामने आ रही हैं.
ट्रंप को खुला संदेश
इस दौरान विदेश मंत्री एस.जयशंकर रूस जाने की तैयारी में लगे हुए हैं. इससे कुछ समय पहले ही डोभाल पुतिन से मॉस्को में मिलने गए. यह साफ है कि दिल्ली रूस से रिश्तों को मजबूत करने के लिए जमीन तैयार करने में लगा है. वॉशिंगटन चाहे कितना भी विरोध करे वांग यी का भारत दौरा अमेरिका को सीधा संदेश दे रहा है कि हम साथ-साथ हैं.
बीजिंग और दिल्ली के बीच बढ़ती नजदीकियां
वांग यी का दौरा खास बताया जा रहा है. वे भारत लंबे समय बाद आ रहे हैं. यह दौरा पहले से तय नहीं था. डोकलाम, लद्दाख और सीमा विवाद के बाद बीजिंग और दिल्ली के बीच बढ़ती नजदीकियां यह दर्शाती हैं कि बड़ी रणनीति तय की जा रही है. अब चीन और भारत के बीच खास समझौते होने की संभावना बन रही है. पीएम मोदी जल्द ही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के मंच पर जाएंगे. यहां पर चीन और रूस दोनों की मौजूदगी होगी. दिल्ली में वांग यी और डोभाल की बैठक को उसी SCO के ‘प्री-गेम’ के तौर देखा जा रहा है.
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