ओडिशा में प्रवासी भारतीय दिवस समारोह का आयोजन, जानिए आयोजन में क्या होगा खास?

ओडिशा का दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के साथ प्राचीन समुद्री और सांस्कृतिक संबंध हैं. व्यापारी, भिक्षु और यात्री ओडिशा से लेकर इन क्षेत्रों तक जाते रहे हैं.

Madhurendra Kumar & Mohit Sharma
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Pravasi Bharatiya Divas

Pravasi Bharatiya Divas Photograph: (Pravasi Bharatiya Divas)

पिछले 10 वर्षों में भारत और प्रवासी भारतीयों के बीच संबंध काफी मजबूत हुए हैं और इसमें PBD के आयोजन की अहम भूमिका रही है. सरकार ने प्रवासी भारतीयों के कल्याण के लिए कई पहल शुरू की हैं, जिनमें ई-माइग्रेट, मदद और उन्नत प्रवासी बीमा योजना शामिल हैं. विदेश स्थित भारतीय मिशनों और पोस्ट्स में बने कम्युनिटी विंग्स "पीपल-फर्स्ट" दृष्टिकोण के साथ प्रवासी भारतीयों से जुड़ रहे हैं. इस साल पीबीडी का आयोजन ओडिशा कर रहा है.

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ओडिशा और भारत की 'एक्ट ईस्ट नीति'

भारत की 'एक्ट ईस्ट नीति' के 10 साल पूरे होने पर ओडिशा दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के साथ आर्थिक, सांस्कृतिक और वाणिज्यिक संबंध मजबूत करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. अपनी भौगोलिक स्थिति, ऐतिहासिक समुद्री संबंध और विशाल प्राकृतिक संसाधनों के कारण ओडिशा निवेशकों और व्यवसायिक हितधारकों के लिए एक आदर्श गंतव्य है.

आर्थिक और सांस्कृतिक नेतृत्व

खनन, लौह एवं इस्पात उत्पादन, समुद्री अर्थव्यवस्था, खेल, कौशल विकास और ज्ञान अर्थव्यवस्था में ओडिशा भारत में अग्रणी है. कई भारतीय आईटी कंपनियों ने यहां अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) इस बात को विश्व मंच पर प्रदर्शित करने का एक अवसर है कि ओडिशा वैश्विक स्तर पर क्या प्रदान कर सकता है.

भारत-आसियान सांस्कृतिक संबंधों का द्वार ओडिशा

ओडिशा का दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के साथ प्राचीन समुद्री और सांस्कृतिक संबंध हैं. व्यापारी, भिक्षु और यात्री ओडिशा से लेकर इन क्षेत्रों तक जाते रहे हैं. बालियात्रा और श्रीलंका के साथ ओडिशा के संबंध इन सांस्कृतिक संबंधों की गहराई को दर्शाते हैं. इस बार के PBD सम्मेलन में इन ऐतिहासिक संबंधों को रेखांकित किया जाएगा. रामायण प्रदर्शनी के माध्यम से यह दिखाया जाएगा कि कैसे यह महाकाव्य दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में पहुंचा और आज भी वहां मनाया जाता है.

पूर्वोदय योजना और PBD

ओडिशा में PBD का आयोजन केंद्र सरकार की पूर्वोदय योजना के तहत किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड और आंध्र प्रदेश के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना है.

प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए 'चलो इंडिया' अभियान के तहत प्रवासी भारतीयों को प्रोत्साहित किया गया कि वे भारत आएं और अपने साथ पांच विदेशी मित्रों को भी लाएं. ओडिशा संस्कृति, इतिहास, धार्मिक स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों और समुद्र तटों से समृद्ध पर्यटन गंतव्य है. PBD सम्मेलन में ओडिशा के पर्यटन की संभावनाओं को भी उजागर किया जाएगा.

प्रवासी भारतीय: विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका

इस वर्ष PBD समारोह भारतीय प्रवासी समुदाय की उपलब्धियों और उनके योगदान को प्रदर्शित करेगा. रामायण, प्रौद्योगिकी और प्रवासी भारतीयों के इतिहास को लेकर विशेष प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी. प्रवासी भारतीय अपनी मातृभूमि और गोद ली गई धरती के बीच एक जीवंत सेतु का कार्य करते हैं. PBD में बातचीत का केंद्र यह होगा कि कैसे प्रवासी भारतीय भारत के विकास, अंतरराष्ट्रीय संबंधों और उसकी आर्थिक प्रगति में योगदान दे सकते हैं.

ओडिशा में आयोजित होने वाला यह PBD समारोह भारतीय प्रवासी समुदाय की ताकत और भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करेगा.

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