PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की पांच दिवसीय यात्रा से गुरुवार को दिल्ली वापस लौट आए. पीएम मोदी बुधवार को अपनी यात्रा पूरी कर क्रोएशिया से भारत के लिए रवाना हुए. इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी सबसे पहले साइप्रस पहुंचे. उसके बाद पीएम मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए कनाडा पहुंचे, आखिर में पीएम मोदी ने क्रोएशिया की यात्रा की. पीएम मोदी की तीनों देशों का यात्रा सफल रही. पीएम पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने क्रोएशिया की राजकीय यात्रा की. पीएम मोदी ने अपनी इस यात्रा को खास बनाने के लिए क्रोएशिया और साइप्रस के राष्ट्राध्यक्षों को गिफ्ट भी दिए. ये उपहार भारतीय सांस्कृतिक विरासत और हस्तशिल्प के थे.
पीएम मोदी ने किसे क्या दिया गिफ्ट
प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के आखिरी पड़ाव में क्रोएशिया पहुंचे थे. जहां पीएम मोदी ने क्रोएशिया के राष्ट्रपति को ओडिशा की पट्टचित्र पेंटिंग तोहफे में दी. जबकि पीएम मोदी ने क्रोएशिया के प्रधानमंत्री को राजस्थान की सिल्वर कैंडल स्टैंड भेंट की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन तोहफों को उपहार में देकर भारतीय कला और संस्कृति को एक नई पहचान देने का काम किया.
इसके साथ ही पीएम मोदी ने जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान कनाडा में मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम पार्डो को एक वारली पेंटिंग भेंट की. बता दें कि ये वारली पेंटिंग महाराष्ट्र के वारली समुदाय की एक पारंपरिक आदिवासी कला है. जो भारतीय लोक कला के सबसे पुराने एवं सरल रूपों में से एक है. इसमें मिट्टी की दीवारों या पृष्ठभूमि पर सफेद चावल के पेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है. इस पेंटिंग में रोज़मर्रा की ज़िंदगी का नजारा देखने को मिलता है. जिसमें खेती किसानी, मछली पकड़ना, नृत्य करना और गांव के उत्सव आदि शामिल होते हैं.
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के तोहफे में दी मधुबनी पेंटिंग
पीएम मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्यांग को मधुबनी पेंटिंग भेंट की. बता दें कि मधुबनी पेंटिंग को मिथिला कला भी कहा जाता है. जो बिहार की प्रसिद्ध पारंपरिक कला है. जिसे ज़्यादातर महिलाओं बनातीहैं. इस रंगीन पेंटिंग को मुख्यरूप से त्योहारों और शादियों के मौके पर मिट्टी की दीवारों पर उकेरा जाता है.
क्रोएशिया के राष्ट्रपति को गिफ्ट में दी पट्टचित्र पेंटिंगइसके साथ ही पीएम मोदी ने क्रोएशिया के राष्ट्रपति जोरान मिलनोविच को ओडिशा की एक पारंपरिक पट्टचित्र पेंटिंग तोहफे में दी. जो ओडिशा की एक पारंपरिक कला है. इस पेंटिंग को कपड़े पर बनाया जाता है. इसी लिए इसका नाम पट्टा यानी कपड़े से मिलकर बना है. ये पेंटिंग मुख्यरूप से भगवान कृष्ण और जगन्नाथ परंपरा से जुड़ी कहानियां को दर्शाती हैं.