प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर वैश्विक आउटरीच कार्यक्रम में भाग लेने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात की. यह बैठक 7 लोक कल्याण मार्ग पर हुई. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कांग्रेस नेता शशि थरूर, जेडी(यू) के संजय झा और अन्य लोगों से मुलाकात की. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने कुल सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों का ऐलान किया. इन दौरान सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन और विपक्षी इंडिया ब्लॉक के सदस्यों ने हिस्सा लिया.
भाजपा के रविंशंक प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस के शशि थरूर, जद (यू) के संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, द्रमुक की कनिमोझी और राकांपा (सपा) की सुप्रिया सुले की अगुवाई में सात प्रतिनिधिमंडल दुनिया के कई हिस्सों में गए, ताकि आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की की भारत की नीति से अवगत कराया जा सके.
पीएम मोदी ने एक्स पर कहा, "विभिन्न देशों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से मुलाकात की और शांति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता तथा आतंकवाद के खतरे को खत्म करने की जरूरत पर विस्तार से चर्चा की. जिस तरह से उन्होंने भारत की आवाज को आगे बढ़ाया, उस पर हम सभी को गर्व है." प्रधानमंत्री की बैठक से पहले विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर ने भारत लौटने के बाद सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की थी.
7 प्रतिनिधिमंडल, 33 देश
प्रतिनिधिमंडलों में 50 से ज्यादा लोग शामिल थे. इनमें से अधिकांश प्रतिनिधिमंडलों में वर्तमान सांसदों के साथ पूर्व सांसद और पूर्व राजनयिक भी शामिल थे. सत्ताधारी और विपक्षी पार्टी के सदस्यों की अगुवाई में सात प्रतिनिधिमंडलों ने आतंकवाद पर भारत के रुख से अवगत कराने के लिए 33 विदेशी राजधानियों और यूरोपीय संघ का दौरा किया.
इस तनाव के परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध उत्पन्न हो गया. इसके साथ जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के करीब सीमावर्ती कस्बों तथा अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए.
प्रतिनिधिमंडलों ने सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, अल्जीरिया, यूके, फ्रांस, जर्मनी, इटली, डेनमार्क, इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, लाइबेरिया, कांगो, सिएरा लियोन, संयुक्त राज्य अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील, कोलंबिया, स्पेन, ग्रीस, स्लोवेनिया, लातविया, रूस, मिस्र, कतर, इथियोपिया, दक्षिण अफ्रीका और यूरोपीय संघ का दौरा किया. ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के आतंकी अड्डे पर भारत की सैन्य कार्रवाई थी. इसके बाद प्रतिनिधिमंडलों का गठन किया गया था. ऑपरेशन सिंदूर जो पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर किया सैन्य हमला था. इसने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया.