PM Kisan: भारतीय अर्थव्यवस्था में खेती-किसानी का बड़ा रोल है. क्योंकि देश की बड़ी आबादी कृषि कार्यों से जुड़ी है, इसलिए केंद्र और राज्य सरकारों की प्राथमिकता में भी किसान रहता है. यही वजह है कि सरकार समय-समय पर किसानों की जरूरतों और सुविधाओं में रखते हुए कई योजना चलाती है. इन योजनाओं में सबसे ज्यादा चर्चित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना है. केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत फरवरी 2019 में की थी. पीएम किसान योजना का मकसद जरूरतमंद किसानों को आर्थिक सहायता देना है.
इस योजना के तहत लाभार्थी किसानों को हर साल 6,000 रुपए की राशि दी जाती है, जो हर महीने 2000-2000 रुपए की तीन किस्तों के रूप में खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं. हालांकि कई अयोग्य किसानों का भी इस योजना का लाभ मिल रहा था, जिनसे सरकार ने 416 करोड़ रुपए की वसूली की है.
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अपात्र किसानों से सरकार ने वसूले पैसे
दरअसल, शासन-प्रशासन को पीएम किसान योजना में फर्जीवाड़े की लगातार शिकायतें मिल रही थी. शिकायतें अपात्र किसानों द्वारा योजना का लाभ उठाए जाने को लेकर थी, जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने न केवल योजना को पारदर्शी बनाने का फैसला किया, बल्कि अपात्र किसानों से पीएम किसान की किस्तों का पैसा वसूल करने की भी योजना बनाई. इसके अलावा सरकार ने पात्रता और अपात्रता को लेकर गाइडलाइन भी जारी कर दी. गाइडलाइन के अनुसार अब ऐसे लोग पात्रता की श्रेणी में नहीं आएंगे जो...
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- -आयकर दाता
- -पब्लिक सेक्टर यूनिट के कर्मचारी
- -जमींदार
- -राज्य व केंद्रीय कर्मचारी
- -संवैधानिक पद वाला व्यक्ति
- -पूर्व और वर्तमान मंत्री, मेयर और जिला पंचायत अध्यक्ष
- -10 हजार रुपए से ज्यादा पेंशन पाने वाले रिटायर कर्मचारी
- -इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, सीए, आर्किटेक्ट आदि