PM Fasal Bima Yojana: देश भर के लाखों किसानों के लिए आज का दिन बेहद ही खास रहा. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी की फसल के बीमा क्लेम का पैसा आज सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंच गया है. राजस्थान के झुंझुनू से केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बटन दबाकर इस राशि को ट्रांसफर किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को हर आपदा में आर्थिक सहारा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. किसान भाइयों फसल बीमा योजना का आज जो पैसा मिला है उसके लिए आपको बधाई और आगे भी मत घबराना मोदी सरकार और भजन लाल सरकार आपके साथ है.
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करीब 30 लाख से ज्यादा किसानों को इस योजना का लाभ मिला
इस बार करीब 30 लाख से ज्यादा किसानों को इस योजना का लाभ मिला है. दरअसल, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत 18 फरवरी 2016 को हुई थी. इससे पहले देश में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना लागू थी. लेकिन किसान की बदलती जरूरतों और कृषि क्षेत्र में आई नई चुनौतियों को देखते हुए इसे बदला गया. इस योजना का उद्देश्य किसानों को बेहद मामूली प्रीमियम पर उनकी फसलों का व्यापक बीमा कवर देना है ताकि किसी भी प्राकृतिक आपदा या अन्य कारणों से फसल को नुकसान होने की स्थिति में उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिल सके. योजना के तहत किसानों को बुवाई से लेकर कटाई तक और विशेष परिस्थितियों में कटाई के बाद 14 दिनों तक का कवरेज दिया जाता है. प्राकृतिक आपदा, भारी बारिश, बाढ़, सूखा, कीट या रोग जैसी परिस्थितियों में अगर फसल को नुकसान होता है तो किसानों को बीमा राशि के रूप में मुआवजा दिया जाता है.
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क्या है पूरा मामला
यही नहीं योजना में पॉलिसी लेते समय तय की गई बीमा राशि ही अतिरिक्त मुआवजे की भी सीमा होती है. जो फल के नुकसान के अनुपात में किसानों के खाते में भेजी जाती है. इस योजना की सबसे बड़ी ताकत इसकी पारदर्शी और तेज प्रक्रिया है. बीमा कंपनियों को निर्धारित समय सीमा के भीतर क्लेम राशि जमा करनी होती है और अगर देरी होती है तो 12% ब्याज के साथ यह पैसा किसानों को देना अनिवार्य होता है. मुआवजा राशि का सीधा लाभ किसानों के खाते में पहुंचता है. जिससे उन्हें मुश्किल समय में साहूकारों या महंगे कर्ज के चुंगल में फंसने से राहत मिलती है. यही वजह है कि यह योजना देश भर के आपदा पीड़ित किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. आज जारी किए गए क्लेम रबी सीजन के उन किसानों को मिले हैं, जिन्होंने समय पर बीमा कराया था और बाद में फसल को नुकसान होने पर दावा पेश किया था.