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Piyush Pandey Death
एड गुरु पीयूष पांडे का गुरुवार को निधन हो गया है. लेकिन जानकारी शुक्रवार को सामने आई है. पांडे भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित हैं. उन्होंने ही अबकी बार मोदी सरकार का नारा लिखा था. मिले सुर मेरा तुम्हारा गाना भी उन्होंने ही लिखा था. पीयूष पांडे की मौत किस वजह से हुई है, ये तो सामने नहीं आया है लेकिन मीडिया रिपोर्ट की मानें तो वे सीरियस इन्फेक्शन से जूझ रहे थे. मुंबई में शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार होगा.
कम उम्र में ही विज्ञापन इंडस्ट्री में कदम रखा था
पीयूष 27 साल की उम्र में ही विज्ञापन की दुनिया से जुड़ गए थे. उन्होंने अपने भाई प्रसून पांडेय के साथ इसकी शुरुआत की थी. दोनों भाइयों ने रोजमर्रा के सामानों के लिए रेडियो जिंगल्स को आवाज दी थी. 1994 में उन्हें विज्ञापन कंपनी ओगिल्वी के बोर्ड के लिए नोमिनेट किया गया. साल 2016 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया. 2024 में उन्हें LIA लीजेंड अवॉर्ड भी मिला था.
पीयूष के इन कामों ने बनाई अलग पहचान
साल 2007 में फेविकोल का ट्रक वाला एक ऐड आया था. एक साधारण चिपकाने वाले गोंद को पीयूष ने ऐसा दिखाया कि हर घर में ये फेमस हो गया. उनके इस ऐड की वजह से हर एक ग्लू को लोग फेविकोल ही बोलते हैं. इस ऐड को बहुत सारे अवार्ड तो मिले ही बल्कि लोगों के जहन में अब तक वह ऐड बसा हुआ है.
पांडे ने इसके बाद 2007 में ही कैडबेरी के लिए क्रिकेट वाला एक ऐड तैयार किया, जिसने लोगों के बीच एक अलग पहचान बनाई. उन्होंने एशियन पेंट्स के लिए एक पंच लाइन दी, हर घर कुछ कहता है, ये आज भी लोगों के जहन में है. इसके बाद वोडाफोन का एक आया, जिसमें पग कुत्ता दिखाया गया था. ऐड ऐसा था कि लोग आज भी पग को वोडाफोन वाला कुत्ता ही बोलते हैं. पीयूष ने इसके अलावा, दो बूंद जिंदगी की और हमारा बजाज जैसी कई पंच लाइन्स दी, जो आज भी लोगों के जुबान पर है.
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