/newsnation/media/media_files/2025/10/08/india-uk-joint-economic-and-trade-committee-2025-10-08-20-27-31.jpg)
भारत यूके संयुक्त आर्थिक और व्यापार समिति Photograph: (X/@PiyushGoyal)
मुंबई में बुधवार को भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन की व्यापार एवं उद्योग सचिव पीटर काइल के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसमें भारत-यूके के बीच व्यापार और निवेश साझेदारी को नई दिशा देने पर जोर दिया गया. यह बैठक भारत-यूके समग्र आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) को लागू करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है.
JETCO के पुनर्गठित करने पर सहमति
वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, दोनों देशों ने इस समझौते की निगरानी और क्रियान्वयन के लिए संयुक्त आर्थिक एवं व्यापार समिति (JETCO) को पुनर्गठित करने पर सहमति जताई. मंत्रियों ने इस बात पर बल दिया कि CETA के जरिए दोनों देशों के कारोबारी और उपभोक्ता वर्ग को अधिकतम लाभ दिलाने के लिए तेजी, तालमेल और परिणाम-उन्मुख रणनीति अपनाई जाएगी.
बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने के साझा लक्ष्य की पुष्टि की. इसके तहत एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, डिजिटल ट्रेड, स्वच्छ ऊर्जा और सर्विस सेक्टर जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की बात कही गई.
दिया जाएगा सप्लाई चेन इंटीग्रेशन को बढ़ावा
मंत्रियों ने CETA की परिवर्तनकारी क्षमता पर चर्चा करते हुए यह तय किया कि नियामकीय सहयोग (Regulatory Cooperation) को मजबूत किया जाएगा, गैर-शुल्कीय बाधाओं (Non-Tariff Barriers) को कम किया जाएगा और सप्लाई चेन इंटीग्रेशन को बढ़ावा दिया जाएगा.
आयोजित हुए राउंडटेबल्स सेक्टोरल
बैठक से पहले कई सेक्टोरल राउंडटेबल्स आयोजित की गईं, जिनमें एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, उपभोक्ता वस्तुएं, खाद्य और पेय, विज्ञान और नवाचार, निर्माण, आधारभूत संरचना, स्वच्छ ऊर्जा, आईटी और शिक्षा जैसे क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इन चर्चाओं से CETA के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अहम सुझाव मिले.
इसके साथ ही इंडिया-यूके सीईओ फोरम भी आयोजित किया गया, जिसमें दोनों देशों के प्रमुख कारोबारी नेताओं ने व्यापार और निवेश के नए अवसरों पर विचार-विमर्श किया. यह फोरम भारत और ब्रिटेन के बीच साझेदारी को और मजबूत बनाने का मंच बना.
मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत आज वैश्विक अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बन चुका है, वहीं पीटर काइल ने इसे ब्रिटेन के लिए अब तक का सबसे बेहतर सौदा बताया, जिससे ब्रिटिश कंपनियों को भारत के विशाल बाजार तक आसान पहुंच मिलेगी.
बैठक का समापन एक बिजनेस प्लेनरी के साथ हुआ, जिसमें दोनों पक्षों ने आधुनिक, समावेशी और परस्पर लाभदायक साझेदारी को आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया ताकि व्यापार, निवेश और नवाचार के नए अवसर खुल सकें.
ये भी पढ़ें- मालदीव के विदेश मंत्री खलील से मिले भारत के रक्षा सचिव, सैन्य सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा पर हुई बात