Pandit Dhirendra Shastri: उत्तर प्रदेश के मेरठ में सौरभ की हत्या वाली दिल दहला देने वाली घटना ने हर किसी को हिला कर रख दिया है. देशभर में इस हत्या के बाद कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं. नीला ड्रम हो या फिर मुस्कान नाम दोनों ही चर्चा का विषय बन चुके हैं. यही नहीं पुरुषों की शादी को लेकर भी सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म पर तीखी बहस हो रही है. इस बीच बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री का भी बड़ा बयान सामने आया है. इस हत्याकांड के बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि अच्छा है अब तक कुंवारा हूं. अब तक मेरी शादी नहीं हुई है.
बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मेरठ में हुए सौरभ हत्याकांड को लेकर गहरी चिंता जताई और कहा कि यह घटना समाज में बढ़ती नैतिक गिरावट का संकेत हैं. उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद नीला ड्रम पूरे देश में चर्चित हो गया है और कई पति इस घटना से सदमे में हैं. धीरेंद्र शास्त्री ने इस हत्याकांड को अति निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और इसके पीछे संस्कारों की कमी और पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव को जिम्मेदार ठहराया.
संस्कारों की कमी और पारिवारिक मूल्यों का पतन
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि आजकल समाज में संस्कारों की भारी कमी देखी जा रही है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बच्चों के पालन-पोषण में माता-पिता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और अगर कोई संतान गलत रास्ते पर चलती है, तो कहीं न कहीं उसके पालन-पोषण में कमी रह जाती है।
उन्होंने यह भी कहा कि विवाहित पुरुषों और महिलाओं को अपने रिश्तों में ईमानदार रहना चाहिए। प्यार के चक्कर में गलत फैसले लेने से पूरे परिवार पर बुरा प्रभाव पड़ता है और कभी-कभी सौरभ हत्याकांड जैसी दर्दनाक घटनाएं जन्म लेती हैं।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि एक व्यक्ति के जीवन में सिर्फ एक ही मार्ग होना चाहिए। दांपत्य जीवन की पवित्रता को बनाए रखना आवश्यक है, अन्यथा समाज में संस्कारों और नैतिकता का पतन होता रहेगा।
रामचरितमानस संस्कारवान समाज की नींव
बागेश्वर धाम के पीठाधीश ने कहा कि संस्कारवान परिवार बनाने के लिए हर भारतीय को 'रामचरितमानस' का अध्ययन और पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि रामचरितमानस में जीवन जीने की सही राह बताई गई है और इससे व्यक्ति अपने आचरण और विचारों को शुद्ध बना सकता है.
रामचरितमानस केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि एक नैतिक मार्गदर्शक भी है, जो हमें परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों को निभाने की प्रेरणा देता है. उन्होंने सभी माता-पिता से अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें, ताकि वे जीवन में सही रास्ते पर चलें और समाज में सकारात्मक योगदान दें.
राष्ट्रवाद को अपनाने की अपील
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने जातिवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद अपनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले किसी ने कहा था कि "हम 45 या 42 प्रतिशत हैं, अगर एक हो जाएं तो बोटी-बोटी कर देंगे." यह सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ। उन्होंने कहा कि ऐसी विचारधारा समाज को तोड़ने का काम करती है और हमें इससे बचना होगा.
उन्होंने आगे कहा कि विश्व में केवल सनातन धर्म ही ऐसा है, जो तीसरे विश्व युद्ध को रोक सकता है. यह शांति, सहिष्णुता और सर्वसमावेशी विचारधारा को बढ़ावा देता है. हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं पर गर्व करना चाहिए और अपने धर्म की रक्षा करनी चाहिए.