समंदर की उफनती लहरों के बीच, चीन को चुनौती देने वाला देश का पहला सी लिंक वर्टिकल लिफ्ट अप रेलवे ब्रिज बनकर तैयार हो चुका है. पीएम मोदी इस ब्रिज का उद्धघाटन फरवरी माह में करने वाले हैं. उससे पहले जान लीजिए रामेश्वरम द्वीप पर पहुंचना न सिर्फ सस्ता होगा बाकि सुविधाजनक होगा. रामेश्वरम धनुष्कोडी से श्रीलंका महज 23 किलोमीटर दूर है. चीन श्रीलंका के सहारे भारत पर लगातार निगाह टिकाए रहता है, इसलिए भारत अपन तटों को मजबूत कर रहा है. रामेश्वरम द्वीप की कनेक्टिविटी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है.
चीन ने श्रीलंका के हम्मनटोटा पोर्ट पर कब्जा किया था और साथ में कोलम्बो में सिटी पोर्ट पर भी चीन बड़ा सा शहर बसा रहा है. ऐसे में भारत सरकार अपने तमाम द्वीपों पर कनेक्टिविटी तेज कर चुका है, जिससे भारतीय पोर्ट को पूरी तरह से सुरक्षित किया जा सके.
दिल्ली से करीब 2800 km दूर रामेश्वरम के ग्राउंड जीरो से तैयार हो चुके पम्बन ब्रिज को दिखाएगा जो बनकर तैयार है. समुद्र की लहरों को चीरता, हवा से बातें करता और इतिहास की कहानियों को अपने भीतर समेटे, भारत का पम्बन ब्रिज. रामेश्वरम और मुख्य भूमि को जोड़ने वाला यह पुल, न केवल तकनीकी चमत्कार है बल्कि भारतीय रेलवे की शान भी.
नए पम्बन ब्रिज की खासियत
- पम्बन ब्रिज भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट अप.ब्रिज है जो 72 मीटर लम्बा है
- पम्बन ब्रिज बड़े पानी के जहाज़ों के लिए समुद्री गेटवे है जो ऑटोमैटिक खुलता है
- इस रेलवे ब्रिज की कुल लम्बाई करीब 2 किलोमीटर है, जिसमें 300 से ज्यादा पाइल्स हैं
- पम्बन ब्रिज के वर्टिकल लिफ्ट से ऊपर जाने वाले भाग का भार 660 टन है
- इसे ऊपर जाने में 5 मिनट का वक्त लगता है.
- ब्रिज के बन जाने से मंडपम से रामेश्वरम को रेल मार्ग से जोड़ दिया गया है जो 2 साल से बंद था
- दोनों तरफ के ब्रिज को उठाने के लिए भारीभरकम मशीनरी जो कंट्रोल करती है. उसे समुद्री तल से 34 मीटर ऊपर बनाया गया है.
- रामेश्वरम की पवित्र धरती पर एक नया इतिहास रचा जा रहा है. पुराने पम्बन ब्रिज के गौरवशाली सफर के बाद, अब यहां बन रहा है. भारत का पहला Vertical Lift Railway Sea Bridge यह पुल आधुनिक इंजीनियरिंग का अद्वितीय उदाहरण है.