पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज (पीआईसीएसएस) द्वारा प्रकाशित एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि देश में इस साल अब तक 18 आत्मघाती हमले हुए हैं, जिनमें कम से कम 200 लोगों की मौत हुई है और 450 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
पिछले साल पाकिस्तान में 15 आत्मघाती हमले हुए थे। आत्मघाती हमलों की नवीनतम बढ़ोतरी ने पहले ही 2022 की तुलना में आत्मघाती हमलों की कुल संख्या को पार कर लिया है।
पीआईसीएसएस रिपोर्ट में कहा गया है, सबसे गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्र खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत के आदिवासी जिले रहे हैं, जहां 2023 में आधे आत्मघाती हमले हुए। यहां हुए 9 हमलों में लगभग 60 लोगों की जान चली गई, जबकि 150 से अधिक लोग घायल हो गए।
रविवार को केपी के बाजौर जिले में जमीयत उलेमा इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) कार्यकर्ता सम्मेलन में आत्मघाती हमले में 20 से ज्यादा नाबालिगों सहित 54 लोग मारे गए।
रिपोर्ट में कहा गया, खैबर पख्तूनख्वा को तबाही झेलनी पड़ी, चार आत्मघाती हमलों में 110 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 245 घायल हो गए। उस समय, पेशावर पुलिस लाइन पर हमला देश में सबसे घातक हमला था, जिसमें 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
बलूचिस्तान दूसरा सबसे अधिक प्रभावित प्रांत है, जहां कम से कम चार आत्मघाती हमलों में 14 लोगों की जान चली गई, जबकि 27 अन्य घायल हो गए।
सिंध ने एक आत्मघाती हमले की सूचना दी, जिसमें पांच लोग मारे गए और 18 अन्य घायल हो गए।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) आतंकवादी संगठन ने इनमें से अधिकतर हमलों की जिम्मेदारी ली है। टीटीपी तेजी से एकजुट हो रहा है और देश में नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बना रहा है।
हालांकि, बाजौर में रविवार को हुए हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत के आतंकवादी संगठन ने ली और टीटीपी ने इसकी निंदा की है।
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Source : IANS