ऑपरेशन सिंदूर में मुंह की खाने वाला पाकिस्तान अपनी हार को पचा नहीं पा रहा है. भारत के इस आतंक विरोधी ऑपरेशन से अंदर से टूट चुका पाकिस्तान अब दुनिया के सामने झूठे जश्न का मुखौटा लगाकर अपनी साख बचाना चाहता है. वह ऑपरेशन सिंदूर ही था, जिसमें भारत के अचूक हथियारों ने पाक सेना को घुटने टेकने को मजबूर कर दिया था. ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के साथ-साथ मेक इन इंडिया हथियारों की ताकत पूरी दुनिया ने देखी. दरअसल, इस ऑपरेशन में पाकिस्तान की हार के एक वजह उसको चीन से मिले वो हथियार भी रहे, जिस पर उसके आंख मूंद कर भरोसा किया था. लेकिन भारतीय मिसाइलों के सामने पाकिस्तान को चीन से मिले हथियार कहीं नहीं ठहर पाए. यही वजह है कि अब पाकिस्तान ने चीन की बजाए तुर्किए से मिले हथियारों पर भरोसा किया.
यह खबर भी पढ़ें- चीन और पाकिस्तान की उड़ी नींद! अमेरिका भारत को दे रहा यह घातक हथियार, पलक झपकते ही दुश्मन को कर देता तबाह
चीन नहीं अब तुर्किए से हथियार खरीद रहा पाकिस्तान
दरअसल, पाकिस्तान अब तुर्किए से हथियार खरीदने की तैयारी कर रहा है. अपने एयर डिफेंस सिस्टम यानी वायु रक्षा प्रणाली को मॉर्डनाइज करने के फेर में पाकिस्तान तुर्किए से लंबी दूरी के खतरों को ट्रेस करने वाला रडार सिस्टम खरीद रहा है. आपको मालूम होगा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद 8 से 10 मई के बीच भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय मिसाइलों को ट्रैक करने में चीनी एयर डिफेंस सिस्ट एचक्यू9 पूरी तरह से असफल साबित हुए थे. इसके चलते पाकिस्तान अब अपनी रक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए तुर्किए से अत्याधुनिक एएलपी-300जी रडार सिस्टम खरीद रहा है. इसके लिए पाक वायु सेना ने टर्किश डिफेंस कंपनी Aselsan से संपर्क साधा है. बताया जा रहा है कि एएलपी-300जी रडार सिस्टम को डिप्लॉय करना काफी आसान है. यह केवल 30 मिनट के भीतर काम करने लगता है.
यह खबर भी पढ़ें- Covid-19 Cases In India : कोरोना से 4 दिनों में 31 मौतें, एक्टिव केस 4 हजार पार, क्या लगेगा लॉकडाउन
तुर्किए से खरीद रहा एयर डिफेंस सिस्टम
ALP-300G की बात करें तो इसको लंबी दूरी के खतरे को पहचानने और एयर डिफेंस के लिए बनाया गया है. यह एईएसए रडार सिस्टम और डिजिटल बीमफॉर्मिंग तकनीक से लैस है. यह तकनीक बैलिस्टिक मिसाइलों, एंटी-रेडिएशन मिसाइलों, स्टेल्थ एयरक्राफ्ट और ड्रोन समेत दूसरे टारगे्टस को ट्रैक करने में सक्षम है. इसको 10 टन कैटेगिरी के पहिएदार वाहनों पर कैरी किया जा सकता है, जो केवल 30 मिनट में काम करने लगता है. यह खराब मौसम में भी उसी सटीकता से काम कर सकता है.