Pakistan Saudi Arab Defence Deal
पाकिस्तान के हुक्मरानों के माथे पर पसीना आ जाता है. दाने-दाने को मोहताज पाकिस्तान की हालत दिन पर दिन खराब हो रही है. कई इलाकों में विद्रोही मुनीर की फौज पर भारी पड़ रहे हैं.
पाकिस्तान की एक हरकत के कारण दुनिया पर महाविनाश का यह खतरा मंडरा रहा है. खतरा इसीलिए क्योंकि पाकिस्तान ने सऊदी अरब के साथ एक रक्षा समझौता किया है. इसमें परमाणु हथियारों का इस्तेमाल भी शामिल है और इसके बाद सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की सलाह पर पाकिस्तान ने परमाणु हथियारों को औजार की तरह इस्तेमाल करना शुरू कर दिया गया है और एटम बम को किराए पर देना शुरू कर दिया गया है. देखिए यह रिपोर्ट. ऑपरेशन सिंदूर में हिंद के वीरों के पराक्रम से पाकिस्तान अब तक नहीं उभर पाया है. सेना के शौर्य से पाकिस्तान अब भी सदमे में है. आतंकिस्तान को मिले जख्म अब तक नहीं भर सके हैं. ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सोचकर पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की रातों की नींद और दिन का चैन उड़ जाता है.
शहबाज शरीफ की कुर्सी डोलने लगी
पाकिस्तान के हुक्मरानों के माथे पर पसीना आ जाता है. दाने-दाने को मोहताज पाकिस्तान की हालत दिन पर दिन खराब हो रही है. कई इलाकों में विद्रोही मुनीर की फौज पर भारी पड़ रहे हैं. बलूचिस्तान के एक बड़े हिस्से में विद्रोहियों ने नियंत्रण कर लिया है. हाथ से निकलते हालात के कारण मौलाना मुनीर पर सवाल उठ रहे हैं. शहबाज शरीफ की कुर्सी डोलने लगी है. पाकिस्तान को जब भी डर सताता है, वो न्यूक्लियर धमकी पर उतर आता है. अब जब भारत ने किसी भी न्यूक्लियर दबाव में ना आने की बात कह दी है. किसी भी हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब देने का संकल्प ले लिया है तो पाकिस्तान की सरकार और उसे अपने इशारे पर नचाने वाले मुल्ला मुनीर की घबराहट बढ़ गई है. किसी घबराहट में वह ऐसे ऐसे फैसले ले रहा है जो ना सिर्फ पाकिस्तान बल्कि दुनिया भर के लिए घातक साबित हो सकते हैं.
दुनिया पर संकट आ सकता है
दरअसल, मुनीर के कहने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने सऊदी अरब के साथ एक रक्षा समझौता किया है. जिससे मिडिल ईस्ट के समीकरण बदल सकते हैं. दुनिया पर संकट आ सकता है. एटमी विनाश की पटकथा लिखी जा सकती है. इस सामरिक समझौते में कहा गया है कि अगर किसी एक देश पर हमला किया जाता है तो यह दोनों देशों पर हमला करने जैसा होगा. यह नाटो के समझौते जैसा लगता है जिसमें सदस्य देश एक दूसरे की रक्षा करने का वादा करते हैं. लेकिन यह करार अलग है क्योंकि यह सिर्फ दो देशों के बीच है और इसमें पाकिस्तान के लगभग 170 परमाणु हथियारों की ओर इशारा है जिन्हें सऊदी अरब वर्षों से चाहता है. सवाल यह है कि क्या सऊदी अरब ने बिना बनाए हुए किराए पर परमाणु सुरक्षा कवच ले लिया है?