सिंधु जल समझौता रोके जाने से पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है. भारत ने पहली बार पाकिस्तान के एक ऐसी कमजोर नस को दबा दिया है, जिससे आतंकी देश दर्द से बिलबिला रहा है. इसका असर जुलाई महीने से ही देखने को मिल सकता है, जिसके बाद पाकिस्तान की सरकार ने चेतावनी देते हुए इस फैसले को एक्ट ऑफ वॉर यानी युद्ध की कारवाई करार दिया है. पाकिस्तान ने चेतावनी दी है कि समझौते को सस्पेंड कर नदियों में पानी को रोकने या मोड़ने की किसी भी भारतीय कोशिश को युद्ध की कारवाई माना जाएगा और सभी पारंपरिक और गैर पारंपरिक तरीकों से इसका जवाब दिया जाएगा.
प्यासी मर जाएगी पाकिस्तानी की बड़ी आबादी
पाकिस्तान को असल में डर सता रहा है कि भारत के इस फैसले से पाकिस्तान की एक बड़ी आबादी पीने के पानी के लिए ना सिर्फ तरस जाएगी बल्कि देश में खेती भी चौपट हो जाएगी. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने माना है कि अगर हालात नहीं सुधरे तो भारत और पाकिस्तान के बीच पूरी तरह से युद्ध छिड़ सकता है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी को लेकर उठे विवाद को अगर बातचीत से हल नहीं किया गया तो दोनों देशों के बीच टकराव परमाणु युद्ध में तब्दील हो सकता है. यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब भारत ने ना केवल पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया है, बल्कि कूटनीतिक और सामरिक स्तर पर भी उसे अलग-थलग करने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. ख्वाजा आसिफ का यह बयान भारत की आक्रामक नीति और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की गिरती साख का ही परिणाम माना जा रहा है.