Iran-Israel War : ईरान और इजराइल के बीच उपजा तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इजराइल ने दो टूक बोल दिया है कि जब तक ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम ध्वस्त नहीं करता और डील साइन नहीं करता तब तक तेहरान पर हमले होते रहेंगे. वहीं, ईरान भी अपने रुख पर कायम है और पीछे हटने को तैयार नहीं है. ईरान का कहना है कि बातचीत के लिए पहले इजराइल को हमले बंद करने होंगे. वहीं, इस बीच ईरान-इजराइल के बीच इस जंग में अमेरिका की एंट्री ने मध्य एशिया में हलचल बढ़ा दी है. अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख न्यूक्लियर ठिकानों पर ताबड़तोड़ बड़े हमले किए हैं.
इजराइल-ईरान युद्ध के बीच पाकिस्तान का बयान
लेकिन खबर केवल इतनी ही नहीं है. दरअसल, असल खबर यह है कि ईरान-इजराइल की लड़ाई में पाकिस्तान की तरफ से भी बयानबाजी की गई है. पाकिस्तान ने ईरानी परमाणु ठिकानों पर अमेरिका की तरफ से किए गए हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर कहा कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले कर इंटरनेशल लॉ का खुला उल्लंघन किया है. पाकिस्तान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत ईरान के पास सेल्फ डिफेंस का पूरा हक है. पाकिस्तान ने मध्य एशिया में बनी तनावपू्र्ण स्थिति को लेकर गहरी चिंता भी व्यक्त की.
पाकिस्तान पर भारी पड़ सकती है अमेरिका की नाराजगी
पाकिस्तान ने अपने बयान में कहा कि मध्य एशिया में पैदा हुई वर्तमान स्थिति काफी चिंताजनक है, क्योंकि इसके गहरे और भयानक प्रभाव होंगे. अमेरिका की तरफ से किए गए ये हमले अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को उल्लंघन है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ईरान के साथ पाकिस्तान की 900 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है. इस दौरान पाकिस्तान ने दोनों देशों से जल्द से जल्द लड़ाई खत्म कर बातचीत की मेच पर आने की अपील की है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दोनों देशों के बीच जारी इस संघर्ष में इजराइल को अमेरिका का समर्थन प्राप्त है. ऐसे में ईरान का समर्थन लेना और अमेरिका की आलोचना करना पाकिस्तान के लिए भारी पड़ सकती है.