Bangladeshis Deportation From India: दुनियाभर के अस्थिर और गरीबी से जूझ रहे देशों से हर साल लाखों लोग किसी समृद्ध देश का रुख करते हैं. इनमें बड़ी संख्या में लोग अवैध तरीकों से दूसरे देशों में पहुंच जाते हैं. हमारा देश भी ऐसे ही देशों की सूची में शामिल है. जहां बड़ी तादात में रोहिंग्या और बांग्लादेशी अवैध तरीके से रहे हैं.
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी लाखों अफगान शरणार्थी रह रहे हैं. जिन्हें निकालने की प्रक्रिया पाकिस्तान ने शुरू कर दी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने सोमवार यानी 30 जून 2025 से 14 लाख से ज्यादा अफगान शरणार्थियों को निकालना शुरू कर दिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारत भी पाकिस्तान की तरह बांग्लादेशी नागरिकों को डिपोर्ट कर सकता है? एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करीब दो करोड़ बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध रूप से रहने का अनुमान है. हालांकि इसकी सटीक संख्या का अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है.
वीजा अवधि समाप्त होने के बाद नहीं लौटे तमाम बांग्लादेशी
यही नहीं भारत सरकार ने भी ये स्वीकार किया है कि वैध वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी भारत में हजारों बांग्लादेशी रह रहे हैं. इनमें साल 2019 में 35,055 लोग वापस नहीं लौटे. यही नहीं बिना दस्तावेजों के भारत में प्रवेश करते पकड़े गए सैकड़ों लोगों को भी बांग्लादेश को सौंपा जाता रहा है. ऐसे में वहीं सवाल पैदा होता है कि क्या भारत ऐसे बांग्लादेशी नागरिकों को पाकिस्तान की तरह डिपोर्ट कर सकता है.
इसका जवाब है हां, भारत भी अवैध बांग्लादेशियों को डिपोर्ट कर सकता है. इसके लिए भारत सरकार लगातार काम भी कर रही है. हालांकि, यह पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तानियों के डिपोर्टेशन जितना आसान नहीं है. क्योंकि भारत में अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करने के लिए कई कानून और प्रक्रियाओं का पालन करना होता है.
विदेशी नागरिकों को डिपोर्ट करने के ये हैं नियम
विदेशी अधिनियम और वीजा उल्लंघन
इस नियम के तहत अगर कोई विदेशी नागरिक अपने वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी भारत में रुकता है या बिना वैध दस्तावेजों के प्रवेश करते हैं, उन पर विदेशी अधिनियम और वीजा उल्लंघन के तहत कार्रवाई की जाती है. हालांकि हाल ही में दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और असम में ऐसे कई बांग्लादेशी पकड़े गए हैं. साथ ही उन्हें डिपोर्ट करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.
अवैध अप्रवासियों का निर्वासन संबंधी आदेश 1950
इस अधिनियम के तहत असम में अवैध प्रवासियों का पता लगने पर उन्हें सीधे वापस भेजने का भारत सरकार को अधिकार है. इस नियम के तहत सरकार बिना किसी अर्ध-न्यायिक विदेशी न्यायाधिकरण (FT) या किसी अन्य अदालत में भेजे अवैध नागरिकों को डिपोर्ट कर सकती है.
भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023
इसके अलवा नए प्रावधानों के साथ अवैध प्रवास को रोकने के लिए कठोर दंड का प्रावधान किया गया है. जिसमें दस्तावेजों की जालसाजी के लिए 7 साल तक का कारावास शामिल है.
भारत-बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि
यही नहीं अवैध बांग्लादेशियों को डिपोर्ट करने के लिए दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि भी लागू है. जिसके तहत दोनों देशों को अपराधियों को प्रत्यर्पित करने में मदद मिलती है, खासकर आतंकवाद और संगठित अपराधों से शामिल लोग. जिन लोगों पर प्रत्यर्पण अपराध का आरोप होता है ऐसे लोग लोगों को प्रत्यर्पण किया जा सकता है. बता दें कि भारत सरकार अवैध रूप से भारत में रह रहे 2,369 बांग्लादेशी नागरिकों की राष्ट्रीयता सत्यापित करने के लिए भी कहा है. जिससे उन्हें उनके देश वापस भेजा जा सके.
विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि भारत में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों, चाहे वे बांग्लादेशी नागरिक हों या कोई और, उनके साथ कानून के अनुसार निपटा जाएगा. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच की स्थिति भारत-बांग्लादेश से थोड़ी अलग है. इसी के तहत पाकिस्तान ने एक बड़े पैमाने पर और समय-सीमा-आधारित निष्कासन अभियान चलाया था. जबकि भारत में डिपोर्टेशन एक सतत प्रक्रिया है, जिसके तहत समय-समय पर अवैध प्रवासियों को पकड़ा और डिपोर्ट किया जाता है.