जम्मू-कश्मीर के पहगाम में आतंकी हमले की जांच ने नया मोड ले लिया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस हमले की तह तक जाने का प्रयास कर रही है. वह पता लगाने में जुटी है कि आतंकियों के लिए सेफ पैसेज किसने तैयार किया है और हमले के बाद वे अचानक कैसे फरार हो गए. जांच एजेंसी का मानना है कि इस हमले में लोकल लोगों का साथ आतंकियों को मिला है. इसके कई सबूत सामने आ चुके हैं. आपको बता दें कि पहलगाम में 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में आतंकियों ने 27 हिन्दू पर्यटकों का धर्म पूछकर उनकी हत्या कर दी थी. हमले के कई वीडियो सामने आए हैं, जहां पर पर्यटकों को दौड़ाकर उनपर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं गई थीं. अब एनआईए इस हमले में आतंकियों का साथ देने वाले लोकल नागरिकों का पता लगाने में जुटी है.
एनआईए को शक है कि पोनी राइडरों यानी खच्चर चलाने वालों ने आतंकियों के लिए सेफ पैसेज तैयार किया था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पहलगाम हमले की जांच में एनआईए ने अब तक करीब 1500 से 2000 पोनी राइडरों से पूछताछ की. इन सभी से यह जानने का प्रयास हो रहा है कि आतंकियों के आने-जाने का रास्ता क्या था? किस तरह से उन्होंने दुर्गम पहाड़ी से इलाके में एंट्री मारी?
खच्चरवालों के बयान से गहराया शक
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एनआईए बीते आठ दिनों से इन खच्चरवालों से पूछताछ हो रही है. जांच का लक्ष्य यह पता लगाना है कि पहलगाम के आसपास ऐसे कौन से रास्ते हैं, जहां से घुसपैठ हो सकती है.
हिरासत में कई पोनी राइडर्स
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कुछ पोनी राइडरों के बयान सामने आए हैं, वे एक दूसरे से मेल नहीं खाते हैं. इस तरह से उनकी भूमिका पर संदेह गहरा रहा है. जांच एजेंसियों ने कुछ संदिग्ध राइडरों को हिरासत में ले लिया है. उनसे गहन पूछताछ जारी है. कई खच्चर चालकों की निगरानी की जा रही है. उनके मोबाइल डेटा, कॉल डिटेल्स और लोकेशन हिस्ट्री को ट्रेस किया जा रहा है. एजेंसियों का कहना है कि आतंकियों को इलाके की भौगोलिक जानकारी देने में स्थानीय लोगों का हाथ हो सकता है. पूछताछ की यह प्रक्रिया आने वाले कई दिनों तक जारी रहेगी. इस मामले में गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं.