Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सीएम उमर अब्दुल्ला बोले, अब किस मुंह से पूर्ण राज्य का दर्जा मांगू

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले को लेकर जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि 26 लोगों को हमने जब श्रद्धां​जलि दी तो मेरे पास अल्फाज नहीं थे

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले को लेकर जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि 26 लोगों को हमने जब श्रद्धां​जलि दी तो मेरे पास अल्फाज नहीं थे

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Mohit Saxena
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सीएम उमर अब्दुल्ला(social media)

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में रोष है. हर जगह से पाकिस्तान से बदला लेने के सुर उठ रहे हैं. इस बीच जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में इस आतंकी हमले को लेकर दुख प्रकट किया है. उन्होंने कहा, 'अब किस मुंह से पूर्ण राज्य का दर्जा मांगा जाए. भले ही मौजूदा समय में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी सरकार के पास नहीं है, लेकिन वह इस मौके पर किसी तरह की राजनीति नहीं करना चाहते है.' उन्होंने कहा, ' देश के अलग-अलग राज्यों से पर्यटक पहलगाम आए थे. उनकी हत्या बेहद शर्मनाक है. यह कश्मीरी लोगों के दिल पर लगा घाव है. उन्होंने कहा कि वह इतने हल्के नहीं हैं कि वह लोगों की मौत पर राजनीति करें. उन्होंने कहा कि आज वह दिल्ली की हुकुमूत से पूर्ण राज्य की डिमांड नहीं करेंगे. 

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पहलगाम हमले में 26 लोगों को श्रद्धां​जलि देते हुए सीएम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में यह पहला हमला नहीं हुआ है. लेकिन इस बीच एक ऐसा वक्त आया जब 21 साल के बाद पहलगाम पर इतना बड़ा हमला हुआ है. 

लगता था कि आतंकी हमला हमारा अतीत है 

सीएम ने कहा,'ऐसा लगता था कि जो पहले आतंकी हमले हुए यह हमारा पास्ट हैं. पहलगाम में जो आतंकी हमला हुआ बदकिस्मती से इसने वैसे हालात पैदा कर दिए हैं, जब हमें लगा कि पता नहीं दूसरा हमला कहां होगा. हमें लग रहा था कि जो पहले आतंकी हमले हुए यह हमारे अतीत हैं.' 

उन्होंने कहा, '26 लोगों को हमने जब श्रद्धां​जलि दी तो मेरे पास अल्फाज नहीं थे. यह जानते हुए कि जम्मू कश्मीर की सुरक्षा जम्मू कश्मीर की सिक्योरिटी जम्मू कश्मीर के लोगों की ओर से चुनी सरकार के पास नहीं है, यहां पर पर्यटन मंत्री होने की जिम्मेदारी के नाते हमने इन लोगों से दावा किया था कि आप जम्मू-कश्मीर आएं लेकिन उन्हें वापस नहीं भेज पाया.' अब्दुल्ला ने कहा, 'वे इन लोगों से माफी तक नहीं मांग पाए. मैं इन लोगों से क्या कहूं, जिन्होंने अपने पिता को खून में लपटे देखा. उस नेवी अवसर की विधवा से क्या कहूं जिसको शादी हुए चंद दिन बीते थे. कुछ लोग आए जिन्होंने मेरे से पूछा कि हमारा कसूर क्या था. हम यहां पर ​छुट्टी मनाने आए थे. अब जिंदगी भर हमें इस पहलगाम हमले का खामियाजा भुगतना होगा.'  

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