पहलगाम के आतंकी हमले ने पाकिस्तान को मुश्किल में डाला, एयर फ्रांस और लुफ्थांसा एयरलाइंस ने बदले रूट

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम मे आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच पैदा तनाव का असर एयरलाइंस कंपनियों पर पड़ा है. इन उड़ानों ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से बचने का निर्णय लिया. 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम मे आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच पैदा तनाव का असर एयरलाइंस कंपनियों पर पड़ा है. इन उड़ानों ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से बचने का निर्णय लिया. 

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Mohit Saxena
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है. इसका असर एयरलाइंस कंपनियों पर भी देखा जा रहा है. वैश्विक एयरलाइंस एयर फ्रांस और लुफ्थांसा ने अपनी उड़ानों के लिए पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से बचने का फैसला किया है. एयर फ्रांस ने अपने बयान में कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव की वजह से एयरलाइन ने अगली सूचना तक पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से उड़ानों को निलंबित करने का फैसला किया है. 

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वैकल्पिक और लंबी उड़ानें भरी हैं

जर्मन एयरलाइन लुफ्थांसा की ओर से बयान आया है कि इन उड़ानों को अगली सूचना तक पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से दूर रखा गया है. फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा से यह भी सामने आया है कि अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस जैसे ब्रिटिश एयरवेज, स्विस इंटरनेशनल एयर लाइंस और अमीरात भी पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से बचते रहे हैं. उन्होंने वैकल्पिक और लंबी उड़ानें भरी हैं. इससे ईंधन की खपत और उड़ान का समय बढ़ चुका है. 

एशियाई मार्गों पर उड़ानों का वक्त लंबा हो चुका है

लुफ्थांसा ने स्वीकार किया कि पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से बचने के कारण कुछ एशियाई मार्गों पर उड़ानों का वक्त लंबा हो चुका है. मगर यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखा जा रहा है. एयरलाइन का कहना है कि वह क्षेत्र में हालात पर करीबी से नजर बनाए हुए है. इस दौरान एयर इंडिगो ने भी ऐलान किया है कि उनके अंतरराष्ट्रीय मार्ग अब पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से नहीं गुजरने वाले हैं. पाकिस्तान की ओर से भारत के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करने के बाद से यह कदम उठाया गया है.

इंडिगो के अनुसार, उसके कुछ अंतरराष्ट्रीय मार्ग अब लंबे होने वाले हैं. इससे कुछ उड़ानों के समय में बदलाव होगा. इसके अलावा इंडिगो ने अपनी अल्माटी और ताशकंद की उड़ानों को रद्द कर दिया है. एयर इंडिया ने कहा कि उत्तरी अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप और मध्य-पूर्व जाने वाली उड़ानें अब वैकल्पिक और लंबी रूट से जाने वाली है. इससे उड़ानों की अवधि और ईंधन खर्च दोनों में बढ़ोतरी होनी वाली है. गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस के पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से बचने के कारण, पाकिस्तान को मिलने वाले ओवरफ्लाइट शुल्क से वाली कमाई पर भी असर पड़ने वाला है.

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