अब भारत और तालीबान के हित आपस में मिलने लगे हैं, जिससे पाकिस्तान की परेशानी काफी ज्यादा बढ़ सकती है. पहलगाम हमले के बाद भारत ने अफगानिस्तान में तालिबान के साथ कुछ स्मार्ट कदम उठाए हैं. भारत ने काबुल को पहलगाम हमले में पाकिस्तान के खून रंगे हाथों का सच उजागर कर दिया है. इसके बाद तालिबान सरकार ने भी हमले की निंदा की है और भारत से गुनहगारों के खिलाफ कारवाई की वकालत की है. इससे पाकिस्तानी सरकार वहां की फौज और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई है.
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि 2021 में जब से तालिबान अपने दूसरे अवतार में अफगानिस्तान के सत्ता पर बैठा है. इस्लामाबाद का काबुल में मामला फिट नहीं बैठ रहा है. आज की तारीख में पाकिस्तान और तालिबान के बीच रिश्ते कुछ ऐसे बन चुके हैं कि दोनों एक दूसरे के खून के प्यासे बन चुके हैं. पाकिस्तान अफगानिस्तान के बीच रोज खून खराबे की रिपोर्ट्स आ रही हैं. कहते हैं कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त हो सकता है. अफगानिस्तान में भारत के लिए अभी यह कहावत फिट बैठती दिख रही है. पहलगाम हमले के बाद भारत और अफगानिस्तान के बीच दोस्ती पाकिस्तान पर दबाव बहुत बढ़ा सकती है. पाकिस्तान ने हमेशा से अफगानिस्तान को अपने लिए सुरक्षित ठिकाना बनाने की कोशिश की थी वो चाहता था कि युद्ध के समय अफगानिस्तान उसके काम आने के लिए तैयार रहें.