Pahalgam Attack: शिमला समझौता तोड़कर पाकिस्तान ने कर ली बड़ी भूल, भारत के हाथ लगा बहुत बड़ा मौका।

यान का अर्थ समझें तो पाकिस्तान यह कह रहा है कि अब एलओसी अस्तित्व में नहीं है. इसका मतलब यह है कि भारत एलओसी पार कर सकता है. शिमला समझौते ने एलओसी को स्थाई सीमा के रूप में मान्यता दी थी.

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Mohit Sharma
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यान का अर्थ समझें तो पाकिस्तान यह कह रहा है कि अब एलओसी अस्तित्व में नहीं है. इसका मतलब यह है कि भारत एलओसी पार कर सकता है. शिमला समझौते ने एलओसी को स्थाई सीमा के रूप में मान्यता दी थी.

Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ 1972 में हुए शिमला समझौते को रद्द कर दिया है. इस समझौते का रद्द होना भारत के लिए बड़ा फायदेमंद साबित होगा. वास्तव में इसके रद्द होने से भारत को तीन बड़े फायदे होंगे. पहला भारत जम्मू कश्मीर में अपनी स्थिति को मजबूत कर सकता है. क्योंकि पाकिस्तान की राजनीतिक घुसपैठ की बात को खारिज किया करता है. दूसरा भारत अपनी विदेश नीति और रक्षा नीति को स्वतंत्र रूप से तय कर सकता है और तीसरा भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. क्योंकि पाकिस्तान के साथ विवाद को नियंत्रित किया जा सकता है. इसके साथ ही भारत को सीधे एलओसी में घुसने का मौका भी मिल सकता है.

भारत को मिला यह बड़ा फायदा

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बयान का अर्थ समझें तो पाकिस्तान यह कह रहा है कि अब एलओसी अस्तित्व में नहीं है. इसका मतलब यह है कि भारत एलओसी पार कर सकता है. शिमला समझौते ने एलओसी को स्थाई सीमा के रूप में मान्यता दी थी. इसके तहत दोनों देशों ने बल प्रयोग ना करने और नियंत्रण रेखा का सम्मान करने की प्रतिबद्धता जताई थी. इसके निलंबन पर भारत नियंत्रण रेखा के पार विशेष रूप से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अधिक आक्रामक नीति अपना सकता है. भारत पीओके के लोगों के साथ सीधा संपर्क स्थापित कर सकता है. इससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ सकता है. इसका खामियाजा पाकिस्तान को उठाना पड़ सकता है. पाकिस्तान द्वारा शिमला समझौते को रद्द करने का मतलब है कि एलओसी की पवित्रता अब खत्म हो गई है और दोनों देश इसे मानने के लिए बाध्य नहीं है. इससे भारत को पीओके में बड़ी कार्रवाई करने की खुली छूट मिल गई है.

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