भारत में इजरायल के राजदूत रुवेन अजार ने पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमले को इजरायल में 2023 में हमास हुई वारदात से जोड़ा है. इसमें निर्दोष निहत्थे लोगों की हत्या कर दी गई थी. उन्होंने पहलगाम हमले को बर्बर और क्रूर बताया. उन्होंने कहा कि हमास के आतंकियों को पाकिस्तान में आमंत्रित किया जाना एक बुरा संकेत देता है. अजार के अनुसार, यह क्रूर और बर्बर हमला है. उन्होंने कहा कि हमास के आतंकियों को पाकिस्तान में आमंत्रित किया जाना भविष्य के लिए बुरा है. यह बिल्कुल अस्वीकार्य है. हमें जो भी करना है, करना चाहिए, न केवल अपराधियों को पकड़ना चाहिए, बल्कि ऐसी घटना दोबारा न हो इसे रोकना चाहिए. पहलगाम की घटना से बहुत पहले राजनयिक ने फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के आकाओं की ओर से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादियों के साथ मिलकर काम करने की खबर चिंता व्यक्त की थी.
आतंकवादी एक-दूसरे की नकल में लगे हैं
उन्होंने गुरुवार को कहा, आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. किसी संदर्भ के चश्मे से नहीं देखा जा सकता है. इसे उचित नहीं ठहराया जा सकता. यह तथ्य है कि आतंकवादियों को न केवल दूसरे संगठनों की ओर पनाह दी जा रही है. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. यह तथ्य है कि हमास के आतंकवादियों को पाकिस्तान में आमंत्रित किया गया. आने वाले वक्त में यह बुरा संकेत है. ये आतंकवादी एक-दूसरे की नकल में लगे हैं. यह एक-दूसरे को प्रेरित कर रहे हैं और हमें उनसे खुद का बचाव करना होगा.
आपके सामने एक जैसे हालात हैं
क्षेत्र में अशांति को बढ़ावा देने को लेकर आतंकवादी संगठनों के साथ पाकिस्तान की संलिप्तता तब सामने आई जब इस साल फरवरी में पीओके में एक रैली के दौरान हमास कमांडर खालिद अल-कद्दौमी और अन्य पाकिस्तानी आतंकवादियों को संग देखा गया. इजरायली राजदूत ने कहा, आपके सामने एक जैसे हालात हैं. इजरायल में लोग एक संगीत समारोह में थे और उनका नरसंहार किया गया. यहां (पहलगाम में) लोग छुट्टी पर थे और उनका नरसंहार किया गया. यह धर्म की वही विकृत व्याख्या, वही वर्चस्ववादी विचार है. यह मानवता के हर मानदंड का उल्लंघन है. यह कुछ ऐसा है जिसे पूरी तरह से खत्म किया जाना चाहिए. यही वजह है कि इजराइल ने हमास पर हमला करने का संकल्प लिया है. हम अपने सिद्धांतों, अपने कानूनों और अपने मूल्यों की रक्षा करते हुए ऐसा करते रहेंगे और मुझे यकीन है कि भारत भी ऐसा ही करने जा रहा है.