PM Modi: भारत में दशकों से आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती रहे नक्सलवाद के खिलाफ अब निर्णायक विजय की तस्वीर उभरने लगी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की हालिया पोस्टों से यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार नक्सलवाद के समूल नाश के लिए प्रतिबद्ध है और सुरक्षा बल अब तक की सबसे बड़ी सफलता की ओर बढ़ चुके हैं. दरअसल छत्तीसगढ़ और तेलंगानी सीमा पर सुरक्षाबल के जवानों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया. सुरक्षाबल के जवानों की इस कामयाबी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट किया और इसे सही दिशा में बढ़ रहा अभियान बताया.
कुर्रगुट्टालू ऑपरेशन
छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित कुर्रगुट्टालू पहाड़ी क्षेत्र लंबे समय से नक्सल गतिविधियों का प्रमुख केंद्र रहा है. यह क्षेत्र नक्सलियों की PLGA बटालियन 1, DKSZC (Dandakaranya Special Zonal Committee), TSC और CRC जैसी संगठनों का एकीकृत मुख्यालय था. यही वह स्थान था जहां नक्सलियों की ट्रेनिंग, रणनीति निर्माण और हथियारों का निर्माण होता था.
हाल ही में सुरक्षा बलों जिसमें CRPF, STF और DRG की टीमें शामिल थीं—ने महज 21 दिनों में इस पूरे क्षेत्र को नक्सलमुक्त कर दिया. इस दौरान 31 कुख्यात नक्सलियों को ढेर किया गया. यह ऑपरेशन न केवल रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि यह संदेश भी देता है कि अब भारत लाल आतंक के अंत की ओर अग्रसर है.
पीएम मोदी ने पोस्ट कर सराहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए इस अभियान की सराहना की. उन्होंने लिखा, “सुरक्षा बलों की यह सफलता बताती है कि नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने की दिशा में हमारा अभियान सही दिशा में आगे बढ़ रहा है.” साथ ही उन्होंने यह भी दोहराया कि सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस अभियान को ‘Naxal-Free Bharat’ की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया. उन्होंने कहा कि “जिस पहाड़ पर कभी लाल आतंक का राज था, वहां आज तिरंगा शान से लहरा रहा है.” खास बात यह रही कि इस पूरे ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों का कोई भी जवान शहीद नहीं हुआ, जो उनकी योजनाबद्ध रणनीति और साहस का प्रमाण है.
जनता में विश्वास और सुरक्षा बलों पर गर्व
इस ऑपरेशन ने आम जनता का सुरक्षा बलों के प्रति विश्वास और भी मजबूत किया है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोग अब भय के साए से बाहर निकल रहे हैं और विकास की रोशनी की ओर बढ़ रहे हैं. सड़क, स्कूल, अस्पताल और रोजगार की योजनाएं अब इन क्षेत्रों तक पहुंचने लगी हैं, जिससे नक्सलियों की जनसमर्थन वाली जमीन भी खिसक रही है.